Franklin Templeton : एसेट मैनेजर फ्रैंकलिन टेंपलटन ने ऐलान किया है कि वह भारत में बनी रहने जा रही है और अपनी छवि को फिर से ठीक करेगी। फ्रैंकलिन टेंपलटन के प्रेसिडेंट (इंडिया) अविनाश सातवलेकर ने विशेष रूप से सेबी की डेट स्कीम्स पर की गई कार्रवाई के संदर्भ में ऐसी अफवाहों को स्वीकार किया कि कंपनी अपनी दूसरी अंतर्राष्ट्रीय कॉम्पिटिटर्स की तरह भारत छोड़ सकती है, लेकिन कंपनी ने साफ किया कि उसकी ऐसी कोई योजना नहीं है।
सातवलेकर ने रिपोर्टर्स को बताया, मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि हम भारत छोड़ने नहीं जा रहे हैं। भारत छोड़ना बेवकूफी होगी।
26 साल से भारत में है कंपनी
उन्होंने जोर देकर कहा कि संगठन 26 साल से देश में सक्रिय है और 20 लाख इनवेस्टर्स के साथ उसका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 56,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। महामारी के चलते अप्रैल, 2020 में लिक्विडिटी की समस्या को देखते हुए 3 लाख इनवेस्टर्स से जुड़ी 25,000 करोड़ रुपये के एयूएम वाली छह डेट स्कीम्स को बंद करने के फैसले के बाद कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने नवंबर, 2020 में कंपनी को कारण बताओ नोटिस दिया था।
सेबी ने की है बड़ी कार्रवाई
छह डेट स्कीम्स के प्रबंधन में अनियमितताओं के चलते कंपनी पर 5 करोड़ रुपये फाइन लगाया गया। साथ ही उसे 22 महीने के दौरान इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट और एडवाइजरी सर्विसेज फीस के रूप में वसूली गई 450 करोड़ रुपये की धनराशि लौटाने के आदेश दिए गए। साथ ही कंपनी को नई डेट स्कीम्स लॉन्च करने से बचने के आदेश दिए गए। कंपनी ने सेबी के आदेश को सिक्योरिटीज अपीली ट्रिब्यूनल में चुनौती दे रखी है।
ब्रांड को फिर से खड़ा करेगी फ्रैंकलिन
तीन महीने पहले कंपनी की कमान संभालने वाले सातवलेकर के मुताबिक, ब्रांड को फिर से खड़ा किया जाएगा। उन्होंने माना कि नियामकीय कार्रवाई के चलते कंपनी को पिछले दो साल में खासा नुकसान हुआ है।
सातवलेकर के मुताबिक, अगले 6 से 12 महीने के दौरान नियमित रूप से प्रोडक्ट्स जारी करेगी। उन्होंने एक बैलेंस्ड एडवांटेज फंड पेश करने का ऐलान किया, जो फिक्स्ड इनकम वाले उत्पादों में भी निवेश करेगा।