Mutual Fund News: म्यूचुअल फंड में निवेशकों का भरोसा कितना तेजी से बढ़ रहा है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि अगले छह साल में इंडस्ट्री का AUM दोगुना होकर 100 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है। एक्सिस कैपिटल की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। एक्सिस कैपिटल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) वर्ष 2030 तक दोगुना होकर 100 ट्रिलियन यानी 100 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है। 'इंडिया एसेट मैनेजमेंट एयूएम ऑन द डबल: क्लोजिंग इन ऑन ₹100 ट्रिलियन' टाइटल से जारी इस रिपोर्ट के दावे के मुताबिक 2030 तक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM सालाना 14 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ेगा।
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM पिछले साल दिसंबर 2023 में 50 लाख करोड़ रुपये के लेवल को पार किया था और 25 ट्रिलियन ये 50 ट्रिलियन के लेवल तक पहुंचने में इसे चार साल लगे थे। अब फिर इसे 100 ट्रिलियन पहुंचने में छह साल लग सकते हैं। इसके अलावा इक्विटी पर जोर बढ़ रहा है। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के टोटल AUM का करीब 70 फीसदी हिस्सा इक्विटी म्यूचुअल फंड्स और ETFs (इक्विटी ट्रेडेड फंड्स) का है। डेट फंड्स की महज 30 फीसदी हिस्सेदारी है। एसआईपी और 'म्यूचुअल फंड सही है' जैसे कैंपेन के दम पर म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ी और इक्विटी म्यूचुअल फंड और ETFs की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2014 में 24 फीसदी से बढ़कर दिसंबर 2023 में 70 फीसदी पर पहुंच गई।
खुदरा निवेशक तेजी से लगा रहे पैसे
रिपोर्ट के मुताबिक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में यह तेजी खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के चलते आएगी। 2030 तक 11 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है और इसी दर से परिवार की सेविंग्स ग्रोथ का भी अनुमान है। हाई नेटवर्थ वाले इंडिविजुअल्स को मिलाकर खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में कितनी तेजी से बढ़ रही है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि वित्त वर्ष 2016 में उनकी हिस्सेदारी 45 फीसदी थी लेकिन अब यह बढ़कर 60 फीसदी पर पहुंच चुकी है। सिर्फ दिसंबर 2023 में ही 40 लाख नए SIP खाते खुले। हालांकि अभी भी 24 फीसदी खुदरा निवेशक ही डायरेक्ट प्लान में पैसे लगा रहे हैं और बाकी म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स के जरिए पैसे लगाते हैं। डायरेक्ट प्लान में पैसे लगाने वाली खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी बेशक कम है लेकिन वित्त वर्ष 2014 में यह आंकड़ा महज 11 फीसदी ही था।
बढ़ रही दिलचस्पी लेकिन अभी भी ओवरऑल हिस्सेदारी कम
खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से म्यूचुअल फंड्स की तरफ बढ़ रही है लेकिन 4.2 करोड़ निवेशकों के साथ वर्किंग ऐज पॉपुलेशन में इसकी भागीदारी 5 फीसदी से भी कम है। रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा औसतन मंथली एसआईपी 2300 रुपये की है तो ग्रोथ की गुंजाइश काफी अधिक है। हालांकि इतनी तेज ग्रोथ के बावजूद म्यूचुअल फंड्स खुदरा निवेशकों की प्रिफरेंस लिस्ट में बैंक डिपॉजिट्स और बाकी ट्रेडिशनल प्रोडक्ट्स की तुलना में नीचे ही है और भारतीयों का सबसे अधिक भरोसा अभी भी बैंक डिपॉजिट्स पर बना हुआ है। एक्सिस कैपिटल रिपोर्ट के मुताबिक हाउसहोल्ड सेविंग्स में डिपॉजिट्स की हिस्सेदारी 2013 में 37.2 फीसदी से बढ़कर 2023 में 57 फीसदी पर पहुंच गई जबकि इस दौरान म्यूचुअल फंड्स की हिस्सदारी 6.1 फीसदी से घटकर 0.8 फीसदी पर आ गई।