एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने साफ किया है कि एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) इलेस्ट्रेशन (चित्र) में भी भविष्य के रिटर्न के बारे में अनुमान नहीं पेश कर सकती हैं। एसोसिएशन ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को यह भी निर्देश दिया है कि वे अपने विज्ञापनों में इस्तेमाल के लिए इनवेस्टमेंट से जुड़े सिर्फ 10 साल के CAGR रिटर्न का इस्तेमाल करें।
एसोसिएशन ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने पाया था कि कुछ एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऐसे विज्ञापन जारी कर रही हैं, जो सेबी (म्यूचुअल फंड्स) रेगुलेशंस, 1996 में मौजूद विज्ञापन कोड के प्रावधानों के हिसाब से ठीक नहीं हैं। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) का कहना था कि विज्ञापनों, प्रेजेंटेशन, ब्रोशर और पर्चों में मौजूद कुछ इलस्ट्रेशन ऐसे थे, जिससे निवेशकों को यह भरोसा हो सकता था कि उन्हें अपने इनवेस्टमेंट (मसलन SIP) पर फिक्स्ड रिटर्न रिटर्न मिलेगा।
कुछ इलस्ट्रेशन में अनुमानों और आकलनों के आधार पर भविष्य के रिटर्न को भी दिखाया गया था। लिहाजा, AMFI ने मार्केट रेगुलेटर के सुझावों के आधार पर सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को भ्रामक या गुमराह करने वाले डिस्क्लोजर या विज्ञापनों से बचने को कहा है। AMFI की गाइडलाइंस के मुताबिक, SIP, SWP या STP कैलकुलेटर्स के मामले में कंपाउंडिंग रिटर्न के बारे में समझाने के लिए संख्या वाले इलस्ट्रेशन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इलस्ट्रेशन सिर्फ इक्विटी, फिक्स्ड इनकम, हाइब्रिड फंड और मल्टी-एसेट फंड जैसी फंड कैटगरी में मुहैया कराए जा सकते हैं।
इक्विटी स्कीम के तहत फंड हाउस सेंसेक्स के लिए ज्यादा से ज्यादा 12.64 पर्सेंट और निफ्टी के लिए 12.93 पर्सेंट का रिटर्न दिखा सकते हैं। इसी तरह, फिक्स्ड इनकम फंडों के लिए पिछले समय का अधिकतम रिटर्न 7.20 पर्सेंट दिखाया जा सकता है।