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ऑल टाइम हाई के करीब बाजार, क्या ये है इक्विटी म्यूचुअल फंडों में बिकवाली करने का सही समय?

अगर मार्केट वैल्यूशन बहुत बढ़ जाए, अर्निंग साइकिल अपने अंतिम चरण में हो और इसके बावजूद मार्केट में अस्वाभाविक जोश दिख रहा हो तो बाजार में बबल बनने का संकेत होता है। ऐसे में हमें अपने इक्विटी निवेश को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए। लेकिन इस समय भारत में बबल बनने जैसी कोई स्थिति नहीं दिख रही है। हमें अपने बाजारों में कोई बड़ा बुलबुला बनने का संकेत नहीं दिख रहा है

Curated By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Jun 20, 2023 पर 12:58 PM
ऑल टाइम हाई के करीब बाजार, क्या ये है इक्विटी म्यूचुअल फंडों में बिकवाली करने का सही समय?
बाजार के थोड़ा महंगे वैल्यूएशन को देखते हुए अरुण कुमार की सलाह है कि अगले छह महीनों में सिस्टमेटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) के जरिए 30 फीसदी निवेश करें

निफ्टी 50 इंडेक्स अपने ऑल टाइम हाई के बहुत करीब पहुंच गया है। ऐसे में निवेशकों का कुछ घबराना स्वाभाविक है। अक्टूबर 2021 के बाद से चार मौकों पर निफ्टी 50 इंडेक्स 18000 का आंकड़ा पार करने के बाद 10-15 फीसदी तक गिर चुका है। और अब जबकि बाजार 19000 के करीब है, निवेशक सतर्क नजर आ रहे हैं। हालांकि, निवेश सलाहकार शॉर्ट टर्म रिटर्न पर फोकस करने के बजाय एसेट एलोकेशन (निवेश करने ) पर जोर दे रहे हैं।

पिछले हाई की तुलना में इस बार के हाई में क्या है अंतर?

अधिकांश निवेशकों को इस बात की चिंता है कि जब इंडेक्स नई ऊंचाई के करीब पहुंच रहे हैं तो उनको शेयर बहुत महंगे भाव पर मिल रहे हैं। निफ्टी 50 इंडेक्स ने 1 दिसंबर, 2022 को 18887 का हाई बनाया था। तब इसका वैल्यूएशन 22.61 के प्राइस टू अर्निंग (पी/ई) रेशियो पर किया गया था। 16 जून 2023 को 18826 पर पहुचनें पर इसका पी/ई अनुपात 21.92 था। चार साल पहले, 17 जून, 2019 को इसने 28.87 के पी/ई पर दिख रहा था। सीधे शब्दों में कहें तो निफ्टी के वैल्यूएशन में कमी आई है। अगर ये वैल्यूएशन निवेशकों के लिए आकर्षक नहीं हैं तो बहुत महंगे भी नहीं हैं।

म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म फिसडम के हेड-रिसर्च नीरव करकेरा का कहना है कि ग्रो करता मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई, सरकारी पूंजी खर्च में हो रही लगातार बढ़त और मजबूत बैलेंस शीट वाले बैंकों से बढ़ती कर्ज की मांग इस बात का संकेत करती है कि हमारी अर्थव्यवस्था पिछले हाई के समय की तुलना में बेहतर स्थिति में है। तुलनात्मक रूप से कम मूल्यांकन भी अच्छा संकेत है।

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