Paytm Crisis: RBI की ओर से मिली राहत और एक्सिस बैंक को नोडल बैंक बनाए जाने से 19 फरवरी को पेटीएम का शेयर (Paytm Share) 5 प्रतिशत उछलकर 358.55 रुपये के अपर प्राइस बैंड को हिट कर गया। लेकिन साथ ही एक निगेटिव न्यूज भी आ गई है। जेफरीज इंडिया (Jefferies India) ने पेटीएम की रेटिंग को खत्म (Discontinue) कर दिया है। कंपनी ने यह रुख पेटीएम से जुड़ी खबरों के शांत होने तक बरकरार रखने का फैसला किया है। इसके साथ ही जेफरीज इंडिया, पेटीएम की रेटिंग कम करने वाली पहली बड़ी ब्रोकरेज कंपनी बन गई है।
पेटीएम के पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) कारोबार पर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के बाद से कंपनी की इमेज और कारोबार काफी प्रभावित हुए हैं। जेफरीज इंडिया ने कहा कि उसने पेटीएम की रेटिंग को ‘अंडरपरफॉर्म’ से ‘नॉट रेटेड’ की कैटेगरी में ला दिया है और अब FY25E के रेवेन्यू में सालाना आधार पर 28 प्रतिशत की गिरावट देखती है। रेवेन्यू में कमी कंपनी को नकदी संकट में धकेल रही है।
RBI से पेटीएम को मिली है यह राहत
RBI ने 16 फरवरी को पेटीएम को लेकर FAQ जारी किया था। आरबीआई ने Paytm Payments Bank (PPBL) के कारोबार बंद करने की डेडलाइन को 29 फरवरी से बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया है। हालांकि यह भी कहा है कि PPBL के बाहर के प्लेटफॉर्म यानि पेटीएम ऐप, यूपीआई ट्रांसफर, मर्चेंट पेमेंट और लोन ओरिजिनेशंस जारी रह सकते हैं। आरबीआई ने कनफर्म किया है कि मर्चेंट पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बजाय किसी अन्य बैंक खाते से जुड़े पेटीएम क्यूआर/साउंडबॉक्स का इस्तेमाल 15 मार्च 2024 के बाद भी जारी रख सकते हैं। पेटीएम ने अपने नोडल खाते को पीपीबीएल से एक्सिस बैंक में ट्रांसफर कर दिया है।
Paytm EBITDA पर हो सकता है लगभग 20% का असर
जेफरीज ने अपने नोट में कहा कि हम, यूजर/मर्चेंट रिटेंशन, रेवेन्यू ट्रैक्शन और कॉस्ट कंट्रोल्स से पैदा होने वाले सकारात्मक और नकारात्मक जोखिम देख रहे हैं। मर्चेंट/यूजर एट्रीशन 10-30 प्रतिशत तक रहने और और कुल रेवेन्यू को 20-45 प्रतिशत का झटका लगने के आधार पर वैल्यूएशन काफी भिन्न हो सकती है। अन्य लंबित मुद्दों पर रेगुलेटरी एक्शंस को लेकर खबरें अभी भी आ रही हैं। जेफरीज को लगता है कि आरबीआई के पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर एक्शंस से पेटीएम के FY25E EBITDA पर लगभग 20 प्रतिशत का असर हो सकता है।
जेफरीज ने कहा कि बैंकिंग लाइसेंस के बिना पेटीएम का बिजनेस मॉडल अब फोनपे, गूगलपे, पाइन लैब्स जैसे शुद्ध पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स के समान हो जाएगा। पेटीएम का ध्यान अब कस्टमर/मर्चेंट को अपने साथ बरकरार रखने पर होगा। इसके लिए कंपनी खर्च भी बढ़ाएगी।
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