एंप्लॉयीज की छंटनी के बावजूद आईटी स्टॉक्स में तेजी की क्या वजह है?

दुनियाभर में आईटी कंपियों में छंटनी जारी है। सिर्फ इंडिया में 10 टॉप आईटी कंपनियों के एंप्लॉयीज की कुल संख्या में पिछले साल 76,572 कमी आई। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह ट्रेंड पिछली कई तिमाहियों से जारी है। इंडिया में सबसे ज्यादा छंटनी विप्रो और इंफोसिस में हुई है

अपडेटेड Feb 28, 2024 पर 11:05 PM
Story continues below Advertisement
2024 की शुरुआत भी छंटनी के साथ हुई। नए साल के शुरुआती कुछ हफ्तों में 34,000 आईटी एंप्लॉयीज की नौकरी खत्म हो गई।

रिक्रूटमेंट कंपनियों की कमेंट्री में इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि आईटी कंपनियां सुस्ती के दौर से गुजर रही हैं। इसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि आईटी कंपनियां अपने एंप्लॉयीज की संख्या घटा रही हैं। उन्होंने नई भर्तियों पर रोक लगाई हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 10 टॉप आईटी कंपनियों के एंप्लॉयीज की कुल संख्या में पिछले साल 76,572 कमी आई। इन कंपनियों में करीब 20 लाख लोग काम करते हैं। आईटी कंपनियों में छंटनी की वजह ग्लोबल स्लोडाउन के साथ ही नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को माना जा रहा है। पिछले साल हुई छंटनी में करीब 50 फीसदी सिर्फ Wipro और Infosys में हुई। टॉप पांच कंपनियों ने कुल 60,000 एंप्लॉयीज को नौकरी से निकाले।

जरूरत से ज्यादा हुई थी भर्ती

रिक्रूटमेंट कंपनियों का कहना है कि कोरोना की महामारी के दौरान आईटी कंपनियों ने जरूरत से ज्यादा एंप्लॉयीज की भर्ती की थी। नौकरी डॉट कॉम के सीईओ हितेश ओबेरॉय ने कहा कि पिछली तीन तिमाहियों में आईटी कंपनियों की हायरिंग में बड़ी सुस्ती दिखी है। ऐसा सिर्फ इंडिया में आईटी सेक्टर में नहीं हो रहा है बल्कि दुनियाभर में यह ट्रेंड दिख रहा है। 2023 में दुनियाभर में आईटी सेक्टर में 2,62,735 एंप्लॉयीज को नौकरी से निकाला गया। यह 2022 के मुकाबले 59 फीसदी ज्यादा है।


2024 में 34,000 एंप्लॉयीज की नौकरी जा चुकी

2024 की शुरुआत भी छंटनी के साथ हुई। नए साल के शुरुआती कुछ हफ्तों में 34,000 आईटी एंप्लॉयीज की नौकरी खत्म हो गई। लेऑफ्स डॉट एफवायआई के फाउंडर रोजर ली ने कहा कि पिछले कुछ सालों में दो बड़ी छंटनी देखने को मिली है। 2022 की दूसरी तिमाही से आईटी सेक्टर में छंटनी का सिलसिला जारी है। आईटी कंपनियां अपने एंप्लॉयीज की संख्या घटा रही है। दरअसल, आईटी सेवाएं की मांग में सुस्ती जारी है। साथ ही इंटरेस्ट रेट बढ़ने का असर कंपनियों पर पड़ा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बढ़ता इस्तेमाल भी नौकरियां खत्म होने की वजह है।

आईटी कंपनियों के स्टॉक्स में तेजी

रिक्रूटिंग कंपनियों के सुस्ती के संकेत देने के बावजूद मार्केट की सोच इससे अलग है। आईटी कंपनियों के स्टॉक ऑल-टाइम हाई पर चल रहे हैं। उनके स्टॉक्स का रिटर्न प्रमुख सूचकांकों से ज्यादा है। ऐसा सिर्फ इंडिया में नहीं है बल्कि Alphabet, Amazon और Microsoft जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में भी यह ट्रेंड दिखा है। छंटनी की वजह से कंपनी के खर्च में कमी आएगी। इसका फयदा कंपनियों को मिलेगा।

कंपनियों पर खर्च घटाने का दबाव

नवंबर 2022 की ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, TCS Fund Management और यूके बिलियनेयर ने गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट को खर्च घटाने और एंप्लॉयीज की संख्या कम करने को कहा था। फॉर्ब्स ने नवंबर 2023 में बताया था कि अल्फाबेट में निवेश करने वाले क्रिस हॉन ने कंपनी को इस बारे में आक्रामक रुख अपनाने की सलाह दी थी। टीसीआई फंड मैनेजमेंट ने एक ओपन लेटर में गूगल को प्रॉफिट मार्जिन का टारगेट तय करने को कहा था। टीसीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस हॉन ने कहा था कंपनी में एंप्लॉयीज की संख्या काफी ज्यादा है। प्रति एंप्लॉयी कॉस्ट बहुत ज्यादा है।

छंटनी का मार्जिन और प्रॉफिट पर असर नहीं

जब तक छंटनी का असर कंपनी की ग्रोथ और मार्जिन पर नहीं पड़ता निवेशकों को आईटी सेक्टर में निवेश के मौके दिख रहे है। कहा जाता है कि बदलाव मार्केट का स्वभाव है और जो कंपनियां इस बदलाव के हिसाब से खुद को ढालने के लिए तैयार हैं, उनके शेयरों में निवेश के मौके बने हुए हैं।

यह भी पढ़ें: SEBI के एक्शन के 1 महीने बाद आरए इनफ्लूएंसर ने दोबारा नियम तोड़ने की कोशिश की

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Feb 28, 2024 6:18 PM

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।