आज का दिन शेयर बाजार के लिए तो ठीक रहा। क्योंकि कारोबार के अंत में सेंसेक्स 482 अंक की तेजी के साथ 71,555 पर बंद हुआ। लेकिन शेयरों की बात करें तो आज का दिन कुछ शेयरों के लिए बड़ा ही उतारचढ़ाव भरा रहा। Paytm में जहां गिरावट रही वहीं आज लंबे समय के बाद रेलवे स्टॉक्स में कुछ हद तक सुधार नजर आया है।
सबसे पहले सरकारी रेलवे शेयरों की बात करते हैं। अगर आपके पोर्टफोलियो में भी रेलवे शेयर हैं तो कॉमेंट करके हमें जरूर बताएं। पब्लिक सेक्टर की रेलवे कंपनियां अपने 52 वीक हाई से करीब 30 फीसदी तक टूट चुके हैं। लेकिन आज 13 फरवरी को इनमें हल्की रिकवरी दिखी है।
IRCTC के शेयर 1 फीसदी बढ़कर 910.80 पैसे पर बंद हुए। जबकि RVNL के शेयर 6.88 पर्सेंट चढ़ें। जबकि इरकॉन इंटरनेशनल के शेयरों में 8 फीसदी की तेजी आई है। वहीं रेलटेल और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में भी 1 पर्सेंट तेजी रही है। सबसे ज्यादा तेजी आज IRFC के शेयरों में नजर आई है जो कि 15.34 फीसदी बढ़कर 153.40 रुपए पर बंद हुआ। लेकिन अभी भी ये शेयर अपने 52 वीक के हाई से काफी नीचे है।
क्यों गिरने लगे रेलवे स्टॉक्स
लेकिन क्या आप जानते हैं कि बजट के बाद अचानक रेलवे स्टॉक्स में गिरावट क्यों आने लगी थी। बाजार के जानकारों का कहना है कि ऑर्डर घटने और उम्मीद के मुताबिक प्लान एग्जीक्यूशन ना होने की आशंका के कारण बिकवाली हुई। ऐसा नहीं है कि आज की तेजी के बाद रेलवे शेयरों में आगे गिरावट नहीं आएगी। मार्केट एक्सपर्ट्स को डर है कि मुनाफावसूली बढ़ने के कारण इसमें और गिरावट आ सकती है। पिछले कुछ हफ्तों तक रेलवे स्टॉक्स में अच्छी तेजी थी जिसकी वजह से मुनाफावसूली होने का भी चांस है। और अगर ऐसा हुआ तो शेयरों में एकबार फिर गिरावट बढ़ सकती है।
रेलवे स्टॉक टूटने की दूसरी वजह है कि रेलवे कंपनियों के दिसंबर तिमाही के नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं। मार्केट को रेलवे कंपनियों से बंपर नतीजों की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। MOSL के फंड मैनेजर निकेत शाह ने इस पर कहा कि बढ़ा रेलवे शेयरों का ज्यादा वैल्यूएशन भी इस सेगमेंट को लेकर चिंता बढ़ाता है। समान अर्निंग ग्रोथ के बिना स्टॉक की कीमतों में बढ़ोतरी ने रेलवे स्टॉक्स को पिछले पांच साल के एवरेज से ज्यादा अधिक महंगा बना दिया है।
शाह ने ये भी कहा कि इस सेगमेंट के लिए एक और इश्यू ऑर्डर फ्लो रहा है। इस सेगमेंट के लिए बहुत सारे ऑर्डर इनफ्लो हुए हैं, लेकिन ऑर्डर देने से लेकर इसके एग्जीक्यूशन में बहुत समय लगता है। इसके साथ ही आम चुनाव नजदीक आने के साथ इस सेगमेंट में प्रमुख सरकारी ऑर्डरों में अचानक गिरावट देखी जा सकती है। और ये एक ऐसा फैक्टर है जो पूरे PSU सेक्टर को प्रभावित कर सकता है।
अब Paytm के बारे में भी एक अपडेट जान लीजिए। RBI गवर्नर ने 13 फरवरी को कहा कि Paytm पर जो फैसला किया गया है वो काफी सोच समझ कर हुआ है और फिलहाल इसका रिव्यू नहीं किया जाएगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर से इस बात से साफ मना कर दिया कि सिर्फ 15 दिनों के भीतर रिव्यू करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। RBI जल्दी ही Paytm पर Faq का ऐलान कर सकता है जिससे कई सवालों का जवाब मिल सकता है। लेकिन Paytm की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई।
Paytm की नई मुश्किल है कि ब्रोकरेज फर्म मैक्वायरी ने इसका टारगेट प्राइस 57 फीसदी घटाकर 275 रुपए पर कर दिया है। पहले यह टारगेट प्राइस 650 रुपए था। 13 फरवरी को Paytm के शेयरों में 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगा और ये 380 रुपए पर बंद हुआ। पेटीएम का नया टारगेट प्राइस पेटीएम के इश्यू प्राइस यानि IPO की लिस्टिंग प्राइस से 87 फीसदी कमा है। इसके शेयर आईपीओ निवेशकों को 2150 रुपये के भाव पर जारी हुए थे। एनालिस्ट सुरेश गणपति का मानना है कि पेटीएम इस समय ऐसी दिक्कतों से जूझ रही है कि इसके ग्राहक छूट सकते हैं। अगर यह ग्राहकों को खोती है तो इसके मोनेटाइजेशन और बिजनेस मॉडल को करारा झटका लग सकता है। ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2025 के घाटे के अनुमान को 170 फीसदी और वित्त वर्ष 2026 के अनुमान को 40 फीसदी बढ़ा दिया है।