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Dr Reddy's: तीसरी तिमाही में कमाई बढ़ने के बावजूद ब्रोकरेज दे रहे सावधानी बरतने की सलाह, जानिए वजह

Brokerage views : पहली तिमाही के बाद से कंपनी का रेवेन्यू तेजी से बढ़ा है। कंपनी की कमाई में रेवलिमिड योगदान दूसरी तिमाही के साथ-साथ तिमाही में भी जारी रहा है। ब्रोकरेज फर्म सिटी ने अपनी रिपोर्ट में चौथी तिमाही में रेवलिमिड के योगदान में तिमाही आधार पर हुई 5-15 मिलियन डॉलर की बढ़त को हाईलाइट किया है

अपडेटेड Jan 31, 2024 पर 1:59 PM
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Brokerage views : रेवलिमिड की बिक्री भारी बढ़त के दम पर दवा बनाने वाली कंपनी ने 7,214.8 करोड़ रुपये का अपना अब तक का हाइएस्ट तिमाही रेवेन्यू दर्ज किया है। ये एक साल पहले की अवधि से 6.6 फीसदी ज्यादा है

Brokerage views : डॉ. रेड्डीज ने तीसरी तिमाही में अपना अब तक का सबसे ज्यादा तिमाही रेवेन्यू दर्ज किया है। इसमें सबसे ज्यादा योगदान कैंसर की दवा रेवलिमिड की उम्मीद से ज्यादा बिक्री की रही है। जबकि कंपनी के अमेरिकी और भारतीय कारोबार की कमाई पर दबाव देखने को मिला है। डॉ. रेड्डीज ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में मजबूत कमाई की है। लेकिन इस कमाई में ब्लॉकबस्टर कैंसर की जेनेरिक दवा रेवलिमिड (Revlimid) के उम्मीद से ज्यादा योगदान ने अमेरिका और भारत में कंपनी के बेसिक कारोबार की बिक्री को धीमा कर दिया है। ऐसे में कंपनी की कैंसर की दवा रेवलिमिड पर अत्यधिक निर्भरता के कारण ब्रोकरेज कंपनियों की तरफ से इस स्टॉक में सावधानी बरती जा रही है।

पहली तिमाही के बाद से कंपनी का रेवेन्यू तेजी से बढ़ा है। कंपनी की कमाई में रेवलिमिड योगदान दूसरी तिमाही के साथ-साथ तिमाही में भी जारी रहा है। ब्रोकरेज फर्म सिटी ने अपनी रिपोर्ट में चौथी तिमाही में रेवलिमिड के योगदान में तिमाही आधार पर हुई 5-15 मिलियन डॉलर की बढ़त को हाईलाइट किया है। ये इस बात का संकेत है कि यह दवा वित्त वर्ष 24-26 तक कंपनी की टॉपलाइन में भारी हिस्सेदारी बनाए रख सकती है।

रेवलिमिड की बिक्री भारी बढ़त के दम पर दवा बनाने वाली कंपनी ने 7,214.8 करोड़ रुपये का अपना अब तक का हाइएस्ट तिमाही रेवेन्यू दर्ज किया है। ये एक साल पहले की अवधि से 6.6 फीसदी ज्यादा है। इसके अलावा ये 7,030.9 करोड़ रुपये के मनीकंट्रोल अनुमान में भी ज्यादा रहा है। तीसरी तिमाही में कंपनी का मुनाफा भी सालाना आधार पर लगभग 11 फीसदी बढ़कर 1,378.9 करोड़ रुपये पर रहा है। ये अनुमानित 1,383 करोड़ रुपये से थोड़ा ही कम है।


कैंसर की दवा पर अति निर्भरता विश्लेषकों के लिए चिंता की वजह

CLSA का मानना ​​है कि जनवरी 2026 में पेटेंट से हटने वाली रेवलिमिड पर ज्यादा निर्भरता मध्यम अवधि में डॉ. रेड्डी की कुल रेवन्यू ग्रोथ को धीमी रखेगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए CLSA स्टॉक की अपनी पिछली 'buy'कॉल से घटाकर 'underperform' कर दिया है। लेकिन तीसरी तिमाही की मजबूत कमाई को ध्यान में रखते हुए इसके टारगेट प्राइस को बढ़ाकर 6,060 रुपये कर दिया है।

ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज भी रेवलिमिड और बेस बिजनेस मॉलिक्यूल्स पर उच्च निर्भरता के जोखिम, यूएस लॉन्च और फाइलिंग में देरी के साथ-साथ पाइपलाइन के लेकर बनी अनिश्चितता और कंपनी के भारतीय कारोबार के खराब प्रदर्शन को देखते हुए डॉ. रेड्डीज पर सतर्क रहने की सलाह दी है। नुवामा ने स्टॉक पर अपना 'reduce' कॉल बरकरार रखा लेकिन इसका टारगेट प्राइस 7.5 फीसदी बढ़ाकर 5,020 रुपये कर दिया है।

घरेलू बिक्री के आंकड़ों ने किया निराश

ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने डॉ रेड्डीज की भारत की बिक्री में सालाना आधार पर आई नरमी को हाइलाइट किया है। पिछली तीन तिमाहियों से कंपनी के घरेलू कारोबार की बिक्री पर दबाव बना हुआ है। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर अपनी 'neutral' कॉल को बरकरार रखते हुए कहा कि कंपनी एक खास प्रोडक्ट पर ज्यादा निर्भर है। MOFSL ने डॉ. रेड्डीज के लिए 5,540 रुपये का टारगेट तय किया है।

वहीं, डॉ. रेड्डीज पर सतर्क रुख बनाए रखते हुए सिटी ने 5,290 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ स्टॉक पर अपनी 'sell' कॉल बरकरार रखी है।

 

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