Stocks on Broker's Radar: PAYTM के MD विजय शेखर शर्मा ने ट्वीट करके कहा कि PAYTM का ऐप काम कर रहा है। 29 फरवरी के बाद भी ऐप काम करते रहेगा। उन्होंने सपोर्ट के लिए PAYTM टीम के सदस्यों का धन्यवाद भी दिया। साथ ही कहा कि हर समस्या का समाधान है। हम देश की सेवा करते रहेंगे। जो काम शुरू हो चुका है उसमें ऑपरेशनल बदलाव की जरूरत है। हम कुछ हफ्तों तक लोन नहीं देंगे। इसके बाद जेफरीज ने पेटीएम पर अंडरपरफॉर्म रेटिंग दी है। वहीं आज बाटा इंडिया और टाइटन के स्टॉक्स भी ब्रोकरेज के रडार पर आ गये हैं। कल ही दोनों कंपनियों के नतीजे आये हैं। बाटा पर सिटी ने बिकवाली की रेटिंग दी है। वहीं टाइटन पर जेफरी ने होल्ड रेटिंग दी है। जानते हैं तीनों स्टॉक्स के टारगेट प्राइस-
जेफरीज ने पेटीएम पर अंडरपरफॉर्म रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 500 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उनका कहना है कि रोक से पेमेंट बिजनेस के EBITDA पर 20-30% का असर आने की आशंका है। लैंडिग कारोबार पर असर से EBITDA पर 20% और दबाव दिख सकता है। कंपनी की साख पर चोट पड़ी है। RBI के एक्शन से कंपनी की ग्रोथ पर असर होता हुआ दिखाई दे सकता है। कंपनी के मुनाफे में आने में लगने वाला समय बढ़ सकता है।
सिटी ने बाटा इंडिया पर बिकवाली की रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 1330 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उनका कहना है कि त्योहारी सीजन में देरी के बावजूद कंपनी ने सालाना आधार पर तीसरी तिमाही में फ्लैट रेवन्यू दर्ज किया है। कंपनी के एक्सपांशन के बावजूद Q3 में रेवन्यू /EBITDA/मुनाफा अनुमान से नीचे रहा है। EBITDA मार्जिन सालाना आधार पर 278 बीपीएस घटकर 20.1% हो गई। जबकि तिमाही आधार पर 210 बीपीएस नीचे गिर गई। ब्रांडिंग और टेक्नोलॉजी में किए गए अहम निवेश के कारण मार्जिन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
जेफरीज ने टाइटन पर होल्ड रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 3,600 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उनका कहना है कि ऑपरेटिंग परफॉर्मेंस अनुमान से कम रहा। अपेक्षा से कम मार्जिन के कारण परफॉर्मेंस चूक गया। वर्तमान संदर्भ में 20% सालाना वृद्धि अच्छी लग रही है। आभूषण मार्जिन एक बैंड में रही। जबकि घड़ियाँ और आईकेयर ने हाई वोलैटिलिटी का प्रदर्शन किया। कंपनी का मैनेजमेंट अपने आउटलुक को लेकर आश्वस्त है।
मॉर्गन स्टैनली ने टाइटन पर इक्वल वेट रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 3,290 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उनका कहना है कि कंपनी के नतीजे कमजोर मार्जिन के चलते अनुमान से कमजोर रहे।
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