जुबिलेंट फूड (JUBILANT FOOD) का शुद्ध मुनाफा 39.5% घटकर 72.1 करोड़ रुपये रहा। लेकिन कंपनी की आय 4.5% बढ़कर 1,344.8 करोड़ रुपये रही। Q2 में कंपनी ने 60 नए स्टोर खोले हैं। सभी ब्रांड के स्टोर की संख्या 1949 तक पहुंच गई। Q2 में Domino’s के 50 नए स्टोर खोले गये। Domino’s के 397 शहरों में 1888 स्टोर हो गये हैं। Domino’s Pizza की LFL ग्रोथ 1.3% घटी। आज ये स्टॉक ब्रोकरेज के रडार पर है। मॉर्गन स्टैनली ने इस पर इक्वल वेट रेटिंग दी है। इसके साथ ही इंडस टावर्स, सोना बीएलडब्ल्यू और नेस्ले इंडिया का स्टॉक भी ब्रोकरेज फर्मों के रडार पर आ गया है। जानते है किसने कितना दिया टारगेट प्राइस-
मॉर्गन स्टैनली ने जुबिलेंट फूड पर इक्वल वेट रेटिंग दी है। इसके शेयर का टारगेट 493 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उनका कहना है कि टॉपलाइन ग्रोथ पर दूसरी तिमाही कमजोर रही। ऑपरेटिंग मेट्रिक्स में तिमाही आधार पर सुधार देखने को मिला। ग्रॉस मार्जिन पॉजिटिव रहा लेकिन कुल मिलाकर ग्रोथ धीमी रही। नए इलाकों में निवेश के कारण EBITDA मार्जिन कम हुआ। टेक्नोलॉजी में निवेश और कर्मचारियों का खर्च बढ़ने के कारण EBITDA मार्जिन कम हो गया था। Q2 में कमजोर टॉपलाइन और कम मार्जिन आउटलुक के कारण F24-F26 अनुमान में 9-12% की कटौती की है।
मैक्वायरी ने इंडस टावर पर आउटपरफॉर्म रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 200 रुपये तय किया है। कंपनी प्रभावशाली रूप से टावर की संख्या को बढ़ाया है। लेकिन Q2 मार्जिन में मॉडरेशन नजर आया। कुल टावर संख्या 2 लाख से अधिक के साथ इंडस ने मजबूत टावर एडिशन बनाए रखा है। EBITDA मार्जिन तिमाही आधार पर 120 बीपीएस की गिरावट के साथ 48.5% पर रही जबकि इसके 50.7% पर रहने का अनुमान था।
जेफरीज ने सोना बीएलडब्ल्यू पर खरीदारी की रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 700 रुपये तय किया है। उनका कहना है कि कंपनी का दूसरी तिमाही में EBITDA अच्छा रहा। मुनाफा सालाना आधार पर 35-39% ऊपर रहा जो कि अनुमान से ज्यादा रहा। कंपनी ने अपने रोडमैप में डिफरेंशियल, मोटर्स और सेंसर में कई घटक जोड़े हैं। कंपनी को दूसरी तिमाही में 600 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिले हैं। जबकि नेट ऑर्डर बुक तिमाही आधार पर सपाट रही।
MORGAN STANLEY ON NESTLE INDIA
मॉर्गन स्टैनली ने नेस्ले इंडिया पर अंडरवेट रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 18,910 रुपये प्रति शेयर तय किया है। कंपनी की विकास रणनीति पसंद आई है। कंपनी को तेजी से आगे बढ़ाना या कम से कम हाल के वर्षों में देखी गई वॉल्यूम ग्रोथ को बनाए रखने के लिए सीईओ प्रयास कर रहे हैं।
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