भारतीय शेयर बाजार में फिलहाल कितनी संभावना, विदेशी निवेशकों के लिए क्या है बेहतर विकल्प?

भारतीय इक्विटी मार्केट का रिटर्न बाकी समकक्ष बाजारों की तुलना में मजबूत है। साथ ही, अगले 5 साल में जीडीपी ग्रोथ कम से कम 6 पर्सेंट रहने का अनुमान है, लिहाजा भारत में इक्विटी निवेश में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। ग्लोबल बैंकिंग ग्रुप बार्कलेज की रिपोर्ट में यह अनुमान पेश किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन मार्केट का मौजूदा वैल्यूएशन सस्ता नहीं है, लेकिन पुराने रिकॉर्ड के मुकाबले यह वाजिब जान पड़ता है

अपडेटेड Nov 16, 2023 पर 3:03 PM
Story continues below Advertisement
बार्कलेज के मुताबिक, भारतीय बाजार में जबरदस्त संभावनाएं है, लेकिन ठोस आर्थिक विकास को लेकर यहां काफी चुनौतियां भी हैं।

भारतीय इक्विटी मार्केट का रिटर्न बाकी समकक्ष बाजारों की तुलना में मजबूत है। साथ ही, अगले 5 साल में जीडीपी ग्रोथ कम से कम 6 पर्सेंट रहने का अनुमान है, लिहाजा भारत में इक्विटी निवेश में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। ग्लोबल बैंकिंग ग्रुप बार्कलेज की रिपोर्ट में यह अनुमान पेश किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन मार्केट का मौजूदा वैल्यूएशन सस्ता नहीं है, लेकिन पुराने रिकॉर्ड के मुकाबले यह वाजिब जान पड़ता है।

मैक्रोइकनॉमिक नजरिये से भी भारत आने वाले समय में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है, ' पिछले 20 साल में भारत की औसत जीडीपी ग्रोथ 6.8 पर्सेंट रही है। इस ग्रोथ का असर इक्विटी मार्केट के रिटर्न पर भी देखने को मिला है और इंडियन इक्विटी मार्केट का रिटर्न S&P 500 और Stoxx 600 से बेहतर या इसके बराबर रहा है। साथ ही, चीन और अन्य इमर्जिंग मार्केट के मुकाबले भी भारतीय बाजार की परफॉर्मेंस बेहतर रही है।'

बार्कलेज के मुताबिक, कई मामलों में भारतीय बाजार में जबरदस्त संभावनाएं है, लेकिन ठोस आर्थिक विकास को लेकर यहां काफी चुनौतियां भी हैं।


प्रोजेक्ट डायवर्सिफिकेशन

बार्कलेज के एनालिस्ट्स का कहना है कि यह दशक उन निवेशकों के लिए बेहद निराशाजनक रहा है, जो विकसित देशों के इक्विटी मार्केट्स में अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना चाहते हैं और बड़े पैमाने पर इमर्जिंग मार्केट्स की ग्रोथ का फायदा उठाना चाहते हैं। हालांकि, पिछले दो दशकों में भारतीय इक्विटी सूचकांकों की परफॉर्मेंस ज्यादातर विकासशील और विकसित देशों के मुकाबले बेहतर रही है।

बार्कलेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ' खास तौर पर कोविड के बाद भारतीय शेयर बाजार की परफॉर्मेंस और मजबूत हुई है। भारतीय शेयर बाजार का साइज जहां तीन गुना बढ़ चुका है, वहीं अन्य विकासशील देशों के इक्विटी मार्केट में सुस्ती आई है। MSCI इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स में भारत दूसरा सबसे बड़ा देश है और पिछले तीन साल में भारतीय शेयर बाजार बढ़कर तकरीबन दोगुना हो चुका है।' बार्कलेज का कहना है कि वैल्यूएशन के लिहाज से भारतीय स्टॉक मार्केट 2019 (कोविड से पहले) के पहले के लेवल पर है, जबकि ज्यादातर ग्लोबल इक्विटी मार्केट काफी डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे हैं।

भारत से जुड़ी संभावनाएं

भारत की ग्रोथ का हिस्सा बनने को तैयार ग्लोबल निवेशकों के लिए ईटीएफ (ETF) बेहतर रास्ता है। भारत पर फोकस करने वाले ETF का अरबों डॉलर का बाजार है। महज 4 साल यानी 2012 से 2017 के दौरान भारत से जुड़े ETF की कुल एसेट्स चार गुना बढ़कर 10.2 अरब डॉलर हो गई। हालांकि, उसके बाद से ग्रोथ रुकी हुई है, जो भारतीय इक्विटी मार्केट में विदेशी मांग में थोड़ी सुस्ती का संकेत है।

डिस्क्लेमर : मनीकंट्रोल डॉट कॉम पर दी गई सलाह एक्सपर्ट्स की अपनी राय होती है। यह वेबसाइट या इसका मैनेजमेंट इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। रीडर्स को इनवेस्टमेंट से जुड़ा कोई फैसला अपने इनवेस्टमेंट एडवाइजर से बातचीत के बाद लेना चाहिए।

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।