नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती अहमियत की वजह से टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (RailTel Corporation of India) के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इस कंपनी के पास पूरे भारत में ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क है। पिछले एक साल में कंपनी के शेयर में 70 पर्सेंट से भी ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है। टेक्निकल चार्ट एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंपनी के शेयरों में तेजी बनी रहेगी। हालांकि, थोड़ा सा करेक्शन भी देखने को मिल सकता है।
स्वास्तिका इनवेस्टमार्ट (Swastika Investmart) के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने बताया, 'शानदार तेजी के बाद स्टॉक डिस्ट्रीब्यूशन का संकेत दे रहा है और यह 20 दिनों के मूविंग एवरेज से नीचे चला गया है। अगर यह 163 रुपये से नीचे चला जाता है, तो इसमें 149-144 रुपये के रेंज में करेक्शन हो सकता है और यह खरीदारी का बेहतर मौका होगा।'
रेलटेल की स्थापना 26 सितंबर 2000 को हुई थी। इस कंपनी की स्थापना का मकसद ट्रेन कंट्रोल, ऑपरेशन और सुरक्षा के लिए टेलीकॉम सिस्टम को मॉडर्न बनाना, देशभर में ब्रॉडबैंड और मल्टीमीडिया नेटवर्क तैयार करना और ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल कर अतिरिक्त रेवेन्यू हासिल करना है। रेलवे के साथ कंपनी की स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप है और यह अलग-अलग तरह के कई प्रोजेक्ट्स से जुड़ी है।
जून तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना 49 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 38.39 करोड़ रुपये रहा, जबकि सेल्स 467.61 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 24 पर्सेंट ज्यादा है। संबंधित अवधि में कंपनी का EBITDA 19 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 89.27 करोड़ रुपये रहा।
ब्रोकरेज फर्म Fisdom (फिसडम) के रिसर्च हेड नीरव करकेरा (Nirav Karkera) ने बताया, 'रेलटेल को पॉलिसी संबंधी पहल और डिजिटाइजेशन प्लान का फायदा मिल सकता है। कंपनी के पास बेहतर ऑर्डर बुक है और इससे कंपनी का रेवेन्यू बढ़ेगा। कंपनी के ऑर्डर, रेलटेल की ऑपरेटिंग क्षमता आदि को देखकर कहा जा सकता है कि आने वाले समय में उसका मार्जिन बेहतर रहेगा।'
भारतनेट के तहत कंपनी को ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क और ग्राम पंचायत कनेक्टिविटी का विस्तार करने का मौका मिल रहा है। खबरों के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट ने भारतनेट के आगामी फेज के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने को हरी झंडी दे दी है। इसका मकसद देश के दूर-दराज वाले इलाकों में भी 5जी नेटवर्क का विस्तार करना है। भारतनेट की इस फंडिंग का फायदा रेलटेल को भी मिलेगा।
भारतनेट के अलावा, कई अन्य सरकारी योजनाओं का फायदा भी रेलटेल को मिल सकता है। उदाहरण के लिए, नेशनल नॉलेज नेटवर्क का मकसद उच्च शिक्षा और शोध के 765 संस्थानों को कॉमन प्लैटफॉर्म से जोड़ना है और देश के 26 विश्वविद्यालयों में कैंपस कनेक्शन और वाई-फाई सुविधाओं को लागू करना है। कंपनी फिलहाल डिफेंस मिनिस्ट्री, कोल इंडिया लिमिटेड, इंडियन एयर फोर्स, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आदि के लिए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। इससे आगामी तिमाहियों में कंपनी के पास रेवेन्यू के अलग-अलग स्रोत मौजूद होंगे।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कंपनी के शेयर लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के लिहाज से बेहतर दांव हैं। हेम सिक्योरिटीज के मोहित निगम का कहना है कि रेलटेल ने अपनी रणनीति बदल दी है और अब वह मार्जिन आधारित कॉन्टेंट के बजाय वॉल्यूम आधारित कॉन्टेंट पर फोकस करेगी। उन्होंने कहा, 'कंपनी का स्टॉक, इंडस्ट्री की बाकी समकक्ष कंपनियों के मुकाबले लो वैल्यूएशन पर है। निवेशकों को हर गिरावट पर कंपनी का स्टॉक इकट्ठा करना चाहिए।' उनके मुताबिक, पिछले 12 महीनों में रेलटेल का प्राइस टू अर्निंग (PE) रेशियो 31.2 गुना है, जबकि कंपनी से जुड़ी इंडस्ट्री का PE रेशियो 39.1 गुना है।