Piramal Enterprise share price : 28 अगस्त को पीरामल एंटरप्राइज के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। एनएसई पर आज ये शेयर 46.55 अंक यानी 4.21 फीसदी टूटकर 1060.10 रुपए के स्तर पर बंद हुआ है। 28 अगस्त को, पीरामल एंटरप्राइजेज (PIEL) ने अपना निवेशक दिवस आयोजित किया (Investor Day)। जिसके दौरान कंपनी के मैनेजमेंट ने कहा कि उनका लक्ष्य वित्त वर्ष 2023 के लोन AUM को वित्त वर्ष 2028 दोगुना करके 1.2-1.3 लाख करोड़ रुपए तक करने का है। इसके अलावा इस अवधि में लगभग 3 फीसदी के कंसोलीडेटेड RoA को हासिल करने का भी लक्ष्य रखा गया। इसके साथ ही एक मजबूत रिटेल एनबीएफसी बनने और नई टेक्नोलॉजी पर फोकस करने की भी बात कही गई।
ब्रोकरेज फर्म्स की स्टॉक पर मिलीजुली राय है। जेफ़रीज़ ने जहां स्टॉक में सावधानी बरतने की राय दी है। वहीं, एमके ग्लोबल का मानना है कि आगे कंपनी में ग्रोथ की काफी उम्मीद है।
जेफ़रीज़ ने पीरामल एंटरप्राइज को अंडरवेट रेटिंग दी है। साथ ही इसके लिए 920 रुपए का लक्ष्य दिया है। जेफ़रीज़ का कहना है कि कंपनी की ब्याज से होने वाली आय लो लेवल पर रह सकती है। वहीं, इसकी कामकाजी लागत (प्रचालन लागत) ज्यादा रहने की संभावना है जिसके चलते वित्त वर्ष 2023 से 2026 के बीच इसकी RoA (रिटर्न ऑन एसेट) 1.5 फीसदी के नीचे रह सकती है। जेफ़रीज़ ने का ये भी कहना है कि वित्त वर्ष 2024 के बुक वैल्यू के 0.85 गुना पर स्टॉक का रिस्क-रिवार्ड रेशियो भी निवेश के नजरिए अच्छा नहीं लग रहा है।
एमके ग्लोबल ने PIEL (Piramal Enterprise) के शेयरों के लिए बॉय की रेटिंग जारी की है और इसका टारगेट 1230 रुपये दिया है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि कंपनी मुनाफा कमाने के लिए सही रास्ते पर है। आगे कंपनी के पास ऑगर्निक और इनऑगर्निक ग्रोथ के लिए अच्छे मौके और पूंजी दोनों होंगे।
मोतीलाल ओसवाल ने पीरामल एंटरप्राइज की 'Buy'रेटिंग बनाए रखी है। वहीं, इसका टारगेट प्राइस बदलकर 1280 रुपए कर दिया है। ब्रोकरेज का कहना है कि पिछले दो सालों में, पीआईईएल ने अपना लोन कम करके अपनी बैलेंस शीट को मजबूत किया है। इसके अलावा कंपनी के कर्ज लागत में भी गिरावट आई है। कुल एयूएम के 4.4 फीसदी ईसीएल प्रॉविजनिंग के साथ कंपनी ने किसी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए एक अच्छा कोष तैयार कर लिया है। मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि वित्त वर्ष 2023-25 की अवधि में रिटेल एसेट अंडर मैनेजमेंट में सालाना आधार पर 45 फीसदी और कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट में सालाना आधार पर 18 फीसदी की बढ़त देखने को मिल सकती है।