Credit Cards

दूसरी तिमाही में IT के साथ-साथ बैंकिंग और मेटल सेक्टरों की परफॉर्मेंस भी सुस्त रह सकती है: Avendus Capital

एवेंड्स कैपिटल के CEO एंड्र्यू हॉलैंड का कहना है कि भारत में ग्रोथ की रफ्तार दूसरी छमाही में तेज होगी। उनके मुताबिक, इस दौरान सरकार और प्राइवेट कंपनियों के पूंजीगत खर्चों में बढ़ोतरी की वजह से ग्रोथ को सहारा मिलेगा। लिहाजा, पूंजीगत खर्चों से जुड़ी थीम में मजबूती बनी रहेगी

अपडेटेड Aug 21, 2023 पर 7:51 PM
Story continues below Advertisement
हॉलैंड का कहना है कि फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही में स्थिति ठीक रही, लेकिन कुछ सेक्टरों की परफॉर्मेंस अच्छी नहीं रही, जैस कि आईटी।

ब्रोकरेज फर्म एवेंड्स कैपिटल (Avendus Capital ) के CEO एंड्र्यू हॉलैंड का कहना है कि भारत में ग्रोथ की रफ्तार दूसरी छमाही में तेज होगी। उनके मुताबिक, इस दौरान सरकार और प्राइवेट कंपनियों के पूंजीगत खर्चों में बढ़ोतरी की वजह से ग्रोथ को सहारा मिलेगा। उनके मुताबिक, इस पूंजीगत खर्च का अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर देखने को मिलेगा।

Andrew Holland (एंड्र्यू हॉलैंड) के मुताबिक, इसका असर अप्रत्यक्ष रूप से कई कंपनियों की परफॉर्मेंस पर भी दिखेगा। उन्होंने कहा, 'कंपनियों के वैल्यूएशन के मामले में यह अच्छी खबर है।' इनफ्लेशन के बारे में हॉलैंड का कहना था कि यह मुख्य तौर पर खाद्य पदार्थों की कीमतों से जुड़ा मसला है, जिस पर सरकार काबू पा लेगी। बड़ी चिंता यह है कि चीन बड़े राहत पैकेज का ऐलान कर सकता है जिससे कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा, 'कच्चे तेल की कीमत करीब 85 डॉलर प्रति बैरल है, जो फिलहाल ज्यादातर लोगों की उम्मीदों से ज्यादा है। '

उनका कहना था कि ऐसे में निवेशकों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि इनफ्लेशन की चुनौती भी फिलहाल बने के आसार हैं। ऐसी स्थिति में ब्याज दरों में कटौती के लिए गुंजाइश सीमित हो गई है।


हॉलैंड का कहना है कि फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही में स्थिति ठीक रही, लेकिन कुछ सेक्टरों की परफॉर्मेंस अच्छी नहीं रही, जैस कि आईटी। अगली तिमाही में भी आईटी सेक्टर की परफॉर्मंस सुस्त रहने के आसार हैं।

हॉलैंड के मुताबिक, आईटी के अलावा मेटल और बैंकिंग सेक्टर में भी परफॉर्मेंस के मोर्चे पर गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि, पूंजीगत खर्चों से जुड़ी थीम में मजबूती बनी रहेगी। उन्होंने कहा, 'पहली तिमाही में बुरी नहीं रही। दूसरी तिमाही में परफॉर्मेंस बेहतर होने से पहले कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है।'

उन्होंने कहा, 'रुपये पर करीबी नजर रखने की जरूरत है। शॉर्ट टर्म में इनफ्लेशन का असर दिख सकता है। पिछेल एक महीने में चीन की मुद्रा में कमजोरी देखने को मिली है और वहां की स्थिति का भी कुछ असर हो सकता है।'

डिस्क्लेमर : मनीकंट्रोल डॉट कॉम पर दी गई सलाह एक्सपर्ट्स की अपनी राय होती है। यह वेबसाइट या इसका मैनेजमेंट इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। रीडर्स को इनवेस्टमेंट से जुड़ा कोई फैसला अपने इनवेस्टमेंट एडवाइजर से बातचीत के बाद लेना चाहिए।

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।