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Citi को बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयरों में 11% तेजी का अनुमान, SBI और PNB की रेटिंग में गिरावट

बैंक ऑफ बड़ौदा, SBI और PNB के शेयर इस साल अब तक 24 पर्सेंट से भी ज्यादा चढ़ चुके हैं। हालांकि, बैकिंग इंडस्ट्री में ग्रोथ रिवाइवल अनुमान के मुताबिक नहीं है, लेकिन सिटी के एक्सपर्ट्स का मानना है कि लिक्विडिटी डिपॉजिट रेशियो (LDRs) 8-12 पर्सेंट बढ़कर 73-80 पर्सेंट हो चुका है। इसके अलावा, ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (GNPAs) और स्लिपेज आधे से भी कम हो गए हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 29, 2024 पर 4:04 PM
Citi को बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयरों में 11% तेजी का अनुमान, SBI और PNB की रेटिंग में गिरावट
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ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी (Citi) ने बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के लिए 'बाय' रेटिंग दी है। इसके लिए टारगेट प्राइस 290 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है, जो पिछली क्लोजिंग प्राइस से 11 पर्सेंट ज्यादा है। इसके अलावा सिटी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के लिए 'सेल' रेटिंग बरकरार रखी है और इनके लिए टारगेट प्राइस क्रमश: 600 रुपये प्रति शेयर और 83 रुपये प्रति शेयर है।

बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), SBI और PNB के शेयर इस साल अब तक 24 पर्सेंट से भी ज्यादा चढ़ चुके हैं। हालांकि, बैकिंग इंडस्ट्री में ग्रोथ रिवाइवल अनुमान के मुताबिक नहीं है, लेकिन सिटी के एक्सपर्ट्स का मानना है कि लिक्विडिटी डिपॉजिट रेशियो (LDRs) 8-12 पर्सेंट बढ़कर 73-80 पर्सेंट हो चुका है। इसके अलावा, ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (GNPAs) और स्लिपेज आधे से भी कम हो गए हैं, क्योंकि क्रेडिट कॉस्ट में 2 पर्सेंट से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है।

ब्रोकरेज फर्म ने कहा है, 'नेट इंटरेस्ट मार्जिन कम रहने से यील्ड में सुधार, डिपॉजिट में बढ़ोतरी के मुकाबले ज्यादा है। हमारा मानना है कि PNB और बैंक ऑफ इंडिया को छोड़कर ज्यादातर PSU बैंकों का रिटर्न ऑन एसेट 1 पर्सेंट ज्यादा है।' कुछ समय पहले एक अन्य ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने SBI,ICICI बैंक और यस बैंक की रेटिंग को डाउनग्रेड कर दिया था। इसने SBI और ICICI बैंक की रेटिंग को 'बाय' से डाउनग्रेड कर 'न्यूट्रल' कर दिया था, जबकि यस बैंक की रेटिंग को 'न्यूट्रल' से घटाकर सेल कर दिया था।

ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट में कहा गया था, ' हमारा मानना है कि निकट भविष्य में फाइनेंशियल सेक्टर के लिए गोल्डीलॉक पीरियड (मजबूत ग्रोथ और बेहतर प्रॉफिट वाला दौर) खत्म हो गया है, क्योंकि परिस्थितियां प्रतिकूल हो रही हैं।'

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