स्टील कंपनियों को झटका, Metal Scrap पर रिवर्स चार्जेज के जरिए GST लगाने का प्रस्ताव खारिज

आलोक प्रियदर्शी ने सूत्रों के हवाले से कहा कि स्टील, फेरस और फर्नेस इंडस्ट्री की तरफ से Metal Scrap पर रिवर्स चार्जेज के जरिए GST वसूलने का प्रस्ताव वित्र मंत्रालय के पास भेजा गया था। लेकिन सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। सूत्रों ने कारण बताते हुए कहा कि Metal Scrap पर रिवर्स चार्जेज के जरिए GST वसूलना जटिल प्रक्रिया है

Edited By: Alok Priyadarshiअपडेटेड Feb 21, 2023 पर 6:27 PM
स्टील कंपनियों को झटका, Metal Scrap पर रिवर्स चार्जेज के जरिए GST लगाने का प्रस्ताव खारिज
मेटल स्क्रैप के धंधे से जुड़े लोग ज्यादातर असंगठित क्षेत्रों से और अनरजिस्टर्ड हैं। वे मेटल स्क्रैप पर 18 प्रतिशत का जीएसटी चार्ज करते हैं लेकिन उसे चुकाते नहीं हैं

स्टील मैनुफैक्चिरिंग कंपनियों के लिए बुरी खबर सामने आ रही है। इसे स्टील कंपनियों को इस खबर से झटका लगा है। सूत्रों के मुताबिक Metal Scrap पर रिवर्स चार्जेज के जरिए GST लगाने के प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। कंपनियां स्क्रैप पर GST का भुगतान खुद करना चाहती थीं। इसके लिए कंपनियों ने वित्त मंत्रालय के पास Metal Scrap पर रिवर्स चार्जेज के जरिए GST का भुगतान करने का प्रस्ताव भेजा था। अब सूत्र बता रहे हैं कि वित्त मंत्रालय को कंपनियों का ये प्रस्ताव पसंद नहीं आया है। मंत्रालय ने रिवर्स चार्जेज के जरिये मेटल स्क्रैप पर जीएसटी लगाने के कंपनियों के प्रस्ताव को कैंसल कर दिया है।

इस खबर पर ज्यादा डिटेल बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि इस प्रस्ताव को लेकर स्टील इंडस्ट्रीज और फर्नेस कंपनियां बड़े पैमाने पर लाबिंग कर रहीं थी कि मेटल स्क्रैप पर जो जीएसटी लगाया जाता है वह सीधे तौर पर न लगाकर उसे रिवर्स चार्जेज मैकेनिज्म के जरिये लगाया जाये। इससे सबसे बड़ा फायदा स्टील कंपनियों को होने वाला था। अभी जो उनको आईटीसी मिलता है। वह मिलना आसान हो जाता क्योंकि वे उसे कहीं भी क्लेम नहीं कर पाते हैं।

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आलोक प्रियदर्शी ने सूत्रों के हवाले से कहा कि मेटल स्क्रैप के धंधे से जुड़े लोग ज्यादातर असंगठित क्षेत्रों से हैं। अनरजिस्टर्ड हैं। लिहाजा वे मेटल स्क्रैप पर 18 प्रतिशत का जीएसटी चार्ज तो करते हैं लेकिन उसे चुकाते नहीं हैं। सूत्रों के मूताबिक 35% स्टील का कच्चा माल स्क्रैप डीलर्स से ही मिलता है। इससे स्टील कंपनियों का इनपुट टैक्स ग्रेड भारी पैमाने पर अटकता है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए स्टील कंपनियों ने इस तरह का प्रस्ताव स्टील, फेरस और फर्नेस इंडस्ट्री की तरफ से सरकार के पास भेजा गया था।

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