Indian Railways: जब भी आप ट्रेन में सफर करें तो उससे जुड़े नियमों को जरूर पढ़ लें। कहीं ऐसा न हो कि नियमों की जानकारी न होने पर आप मुसीबत में फंस जाएं। दरअसल ट्रेन में जब भी लोग एसी में सफर करते हैं उन्हें रेलवे की ओर से चादर, तौलिया, कंबल जैसी तमाम चीजें मुहैया कराई जाती हैं। सफर खत्म होने के बाद इन्हें ट्रेन में ही छोड़ना होता है। बहुत से लोग ऐसे हैं, जो चादर, तकिया तौलिया जैसे सामान घर ले जाते हैं। यात्रियों की इस हरकत से रेलवे को लाखों रुपये का चूना लग रहा है। इससे निपटने के लिए रेलवे ने गाइडलाइंस जारी कर दी है।
रेलवे ने बताया है कि चादर, कंबल के अलावा यात्री चम्मच, केतली, नल, टॉयलेट में लगी टोटियां तक चोरी करके ले जाते हैं। जिसकी वजह से रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। लोग रेलवे की राष्ट्रीय संपत्ति को अपनी संपत्ति मानकर उठाकर चल देते हैं। लेकिन इसके कारण रेलवे को भारी नुकसान होता है।
रेलवे के इस रूट पर सबसे ज्यादा सामानों की होती हुई चोरी
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जोन के ट्रेनों में लोग जमकर रेलवे के सामानों की चोरी कर रहे हैं। बिलासपुर और दुर्ग से चलने वाली लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों में कंबल, चादर, तकिया कवर, फेश टॉवेल की लगातार चोरी हो रही है। सफर के लिए दिए जाने वाला बेडरोल भी कई लोग घर लेकर चले जाते हैं। ऐसा करने के बाद अगर कोई पकड़ा जाता है तो उस यात्री पर कार्रवाई की जा सकती है। दरअसल, ये रेलवे की प्रॉपर्टी मानी जाती है। रेलवे प्रॉपर्टी एक्ट 1966, ट्रेन से सामान चुराने पर कार्रवाई का प्रावधान है। ऐसे में इस जुर्म के लिए एक साल की सजा हो सकती है। 1000 रुपये का जुर्माना भी किया जा सकता है। इसमें अधिकतम 5 साल की जेल हो सकती है।
रेलवे को लगा 55 लाख रुपये का चूना
बिलासपुर जोन से चलने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों में जनवरी से अप्रैल तक में 55 लाख रुपये का चूना लग चुका है। इसमे तकिया, कंबल, फेश टॉवेल, चादर, पिलोकवर, ब्लैंकेट, पिलो चोरी हो गए हैं। 4 महीने में 12886 फेस टॉवेल की चोरी हुई है। जिसकी कीमत 559381 रुपये है। वहीं एसी से सफर करने वाले यात्रियों ने 4 महीने में 18208 चादर चुराए है। जिससे रेलवे को 2816231 रुपये का नुकसान हुआ है।