Farmers Protest: प्रदर्शनकारी किसान नेताओं को बड़ी राहत, हरियाणा पुलिस ने NSA लगाने का फैसला वापस लिया

Farmers Protest Updates: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृहमंत्री अनिल विज के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने अगले सप्ताह 26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की है

अपडेटेड Feb 23, 2024 पर 2:58 PM
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Farmers Protest Updates: आलोचनाओं के बाद हरियाणा पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ NSA वापस ले लिया

Farmers Protest Updates: हरियाणा पुलिस (Haryana police) ने शुक्रवार (23 फरवरी) को कहा कि वह किसान आंदोलन का हिस्सा रहे कुछ किसान नेताओं (Farmer Leaders) के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के प्रावधानों को लागू करने के अपने फैसले को वापस ले रही है। इससे एक दिन पहले अंबाला पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा था कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखने और आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 की धारा 2(3) के तहत प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के पदाधिकारियों को हिरासत में लेने की प्रक्रिया शुरू कर रही है।

हालांकि, शुक्रवार को पुलिस महानिरीक्षक (अंबाला रेंज) सिबाश कबीराज ने कहा, "स्पष्ट किया जाता है कि अंबाला जिले के कुछ किसान यूनियन नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के मामले पर पुनर्विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा।" उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों और उनके नेताओं से शांति तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अधिकारियों के साथ सहयोग करने की भी अपील की।

मृतक किसान को मिलेंगे 1 करोड़ रुपये


पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खनौरी बॉर्डर पर मारे गए किसान शुभकरण सिंह के परिवार को मुआवजे के तौर पर 1 करोड़ रुपये और उसकी बहन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में बुधवार को झड़प में बठिंडा के किसान सिंह (21) की मौत हो गई थी। इस दौरान 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। यह घटना तब हुई जब प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों ने बैरिकेड्स की ओर बढ़ने की कोशिश की थी।

मान ने एक पोस्ट में कहा, "खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी। दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"

किसान नेता सिंह के परिवार को मुआवजा और उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने किसान की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की भी मांग की थी।

शहीद का दर्जा देने की मांग

किसान नेताओं ने शुभकरण सिंह को 'शहीद' का दर्जा दिए जाने की भी मांग की थी। सिंह बठिंडा के बल्लो गांव का निवासी था। सिंह का शव पटियाला के राजेंद्र अस्पताल में रखा गया था, लेकिन किसानों के अपनी मांगों पर अड़े रहने के कारण पोस्टमॉर्टम में देरी हुई। मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा था कि वह युवा किसान की मौत से दुखी हैं साथ ही उन्होंने कहा था कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मान ने कहा था, "पोस्टमॉर्टम के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। उसकी मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा।" संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों के लिए भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

क्या है किसानों की मांग?

किसान नेताओं ने सिंह की मौत हो जाने के बाद बुधवार को यह मार्च दो दिन के लिए रोक दिया था। उन्होंने कहा था कि वे शुक्रवार (23 फरवरी) शाम को अपना अगला कार्यक्रम तय करेंगे। पंजाब के किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए 'न्याय', भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Feb 23, 2024 2:52 PM

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