अमीरी-गरीबी के बीच घट रही है खाई, 5 लाख से 10 लाख सालाना आमदनी वाले बढ़े

बाइक के मुकाबले कार बिक्री की ग्रोथ रेट ज्यादा रही है। गिनी कोएफिशिएंट पर आमदनी में असामना घटी है। कोएफिशिएंट 2014 में 0.472 से घटकर 2022 में 0.402 पर आ गया है। आगे आर्थिक असमानता और घटने का अनुमान है। देश में 5 लाख से 10 लाख रुपए सालाना आमदनी वाले लोगों की संख्या में 291 फीसदी की बढ़त हुई है

अपडेटेड Jan 08, 2024 पर 6:35 PM
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इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 36.3 फीसदी टैक्सपेटर्स ने कम आय से हाई इनकम टैक्स बकेट में शिफ्ट हो गए हैं

पिछले 10 साल में लोगों की आमदनी के ट्रेंड पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में अमीर गरीब के बीच की खाई कम हो रही है। रिपोर्ट में और क्या कुछ खास कहा गया है इस पर बात करते हुए सीएनबीसी-आवाज के इकोनॉमिक पॉलिसी लक्ष्मण रॉय ने कहा कि देश में अमीरी-गरीबी की खाई मिटती देख रही है। SBI इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले 10 साल में (2014-23) देश में आर्थिक असामनता घटी है।

बाइक के मुकाबले कार बिक्री की ग्रोथ रेट ज्यादा रही

इस रिपोर्ट के पता चलता है कि बाइक के मुकाबले कार बिक्री की ग्रोथ रेट ज्यादा रही है। गिनी कोएफिशिएंट पर आमदनी में असामना घटी है। कोएफिशिएंट 2014 में 0.472 से घटकर 2022 में 0.402 पर आ गया है। आगे आर्थिक असमानता और घटने का अनुमान है। देश में 5 लाख से 10 लाख रुपए सालाना आमदनी वाले लोगों की संख्या में 295 फीसदी की बढ़त हुई है। वहीं, 10 लाख से 25 लाख रुपए तक की आमदनी वाले लोगों की संख्या में 291 फीसदी की बढ़त हुई है। देश में देश में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाने वालों की संख्या 23 से बढ़कर 136 हो गई।


बताते चलें कि अर्थशास्त्र में गिनी गुणांक (Gini coefficient),जिसे गिनी सूचकांक या गिनी अनुपात के रूप में भी जाना जाता है, किसी देश या सामाजिक समूह के भीतर आय असमानता, धन असमानता, या उपभोग असमानता को मापने का एक सांख्यिकीय पैमाना है। इसे इतालवी स्टेटिस्टिशियन और समाजशास्त्री कोराडो गिनी ने डेवलप किया था। इन्ही के नाम इसको गिनी कोएफिशिएंट कहा जाने लगा।

36.3 फीसदी टैक्सपेटर्स ने कम आय से हाई इनकम टैक्स बकेट में शिफ्ट हुए

भारत में आय असमानता का आकलन करने के लिए एसबीआई ने पहली बार सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इनकम टैक्स डेटा का उपयोग किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 36.3 फीसदी टैक्सपेटर्स ने कम आय से हाई इनकम टैक्स बकेट में शिफ्ट हो गए हैं। इसके कारण 21.3 फीसदी अतिरिक्त आमदनी हुई है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कहा गया है कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों के आंकड़े पर नजर डालने से पता चलता है कि 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच सालाना आमदनी वाले लोगों की संख्या में 291 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ये बढ़ोतरी असेसमेंट ईयर 2013-14 से लेकर 2021-22 के बीच के हैं।

MoneyControl News

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First Published: Jan 08, 2024 6:35 PM

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