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Sandeshkhali Row: संदेशखाली मामले में ममता सरकार को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने विशेषाधिकार समिति की कार्यवाही पर लगाई रोक

Sandeshkhali Row: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संदेशखाली में अशांति भड़काने का भारतीय जनता पार्टी पर रविवार को आरोप लगाया, जिस पर BJP ने पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस (TMC) एवं राज्य सरकार पर महिलाओं के खिलाफ अपराध में मिलीभगत करने का आरोप लगाया

अपडेटेड Feb 19, 2024 पर 12:55 PM
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Sandeshkhali Row: सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल निचले सदन की समिति की कार्यवाही पर रोक लगा दी

Sandeshkhali Violence Row: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद सुकांत मजूमदार की 'कदाचार' संबंधी शिकायत पर लोकसभा सचिवालय की विशेषाधिकार समिति द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, DGP और अन्य के खिलाफ जारी नोटिस पर सोमवार को रोक लगा दी। पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित संदेशखाली जाने से रोकने पर BJP कार्यकर्ताओं की पुलिस कर्मियों से झड़प हो गई थी, जिसमें मजूमदार को चोटें आईं थीं।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस जे.बी. पारदीवाला एवं जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने पश्चिम बंगाल के अधिकारियों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर संज्ञान लेते हुए सोमवार को सुबह 10.30 बजे उनकी (अधिकारियों की) उपस्थिति के लिए जारी नोटिस पर रोक लगा दी।

लोकसभा सचिवालय की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत द्वारा रोक लगाने के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह विशेषाधिकार समिति की पहली बैठक है। वकील ने कहा, ''उन पर कोई आरोप नहीं लगाया जा रहा। यह एक नियमित प्रक्रिया है। एक बार जब कोई सांसद नोटिस भेजता है और अध्यक्ष को लगता है कि मामले पर गौर करने लायक कुछ है तो नोटिस जारी किया जाता है।''


पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका और पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कुमार को लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था। पीठ ने लोकसभा सचिवालय एवं अन्य को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा। इस बीच निचले सदन की समिति की कार्यवाही पर रोक लगा दी।

सांसद सुकांत मजूमदार और अन्य को पिछले सप्ताह संदेशखाली में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। संदेशखाली इलाके में बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाए जाने से तनाव व्याप्त है।

महिला आयोग आज करेगी दौरा

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित संदेशखाली का दौरा करेगा। पिछले सप्ताह NCW की दो सदस्यों ने प्रभावित इलाके का दौरा किया था और बंगाल सरकार व कानून प्रवर्तन अधिकारियों की 'लापरवाही और मिलीभगत' का खुलासा करते हुए एक रिपोर्ट सौंपी थी। रेखा ने कहा, ''हम पीड़ितों से बात करना चाहते हैं। इसके बाद हम कल पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और फिर नयी दिल्ली में राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। अगर एक भी घटना हुई है तो यह बेहद शर्मनाक है।''

उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार, राज्य प्रशासन को केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं करने दे रही है। उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में एक सप्ताह तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और पुलिस क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखे हुए है। संदेशखाली में ग्रामीण, टीएमसी नेताओं के खिलाफ अत्याचार और महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर पिछले सप्ताह से विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे।

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