Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले TMC में दरार! दो सांसदों ने की राज्यपाल के इस कदम की तारीफ

Sandeshkhali violence: संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार पर संदेशखाली में महिलाओं की आवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की

अपडेटेड Feb 21, 2024 पर 3:28 PM
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Sandeshkhali violence: संदेशखाली केस के आरोपी TMC नेता शाहजहां शेख की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है

Sandeshkhali Violence impact: संदेशखाली मामले को लेकर पूरे देश में हो हल्ला मचा हुआ है। इस मामले को लेकर जारी घमासान के बीच पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के भीतर दरार की खबरें सामने आ रही हैं। संदेशखाली मामले को लेकर TMC के दो सांसदों ने ममता सरकार की कार्रवाई पर चिंता जताई है। साथ ही इन सांसदों ने संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं के लिए राजभवन के दरवाजे खोलने के पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के कदम की सराहना की है।

दोनों सांसदों ने राज्यपाल के रुख की सराहना उस वक्त की है जब दोनों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) से नजदीकी बढ़ाने के आरोप हैं। कांथि से सांसद शिशिर अधिकारी और उनके छोटे बेटे एवं तमलुक से सांसद दिव्येंदु ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली की महिलाओं की पीड़ा समझने के लिए राज्यपाल की तारीफ की है। शिशिर अधिकारी बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के पिता हैं।

शिशिर अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि राज्यपाल के इस कदम ने उन्हें नंदीग्राम आंदोलन की याद दिला दी जब सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से सुरक्षा देने के लिए उस गांव के कई लोगों को शरण देने के लिए उन्होंने खुद के, रिश्तेदारों और दोस्तों के आवास के दरवाजे खोल दिए थे।


उन्होंने आगे कहा, "यह बहुत अच्छी सोच है। इसके लिए राज्यपाल की सराहना की जानी चाहिए। यह मुझे याद दिलाता है कि कैसे मैंने आंदोलन के दिनों में नंदीग्राम के कई लोगों को माकपा के गुंडों से बचाने के लिए अपने आवास में शरण दी थी।"

साल 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद तृणमूल ने लोकसभा स्पीकर को एक अनुरोध प्रस्तुत किया था, जिसमें उनसे दलबदल विरोधी कानून के तहत शिशिर अधिकारी की सदस्यता रद्द करने का आग्रह किया गया था। तृणमूल ने शिशिर पर बीजेपी में शामिल होने का आरोप लगाया था।

शिशिर अधिकारी को चुनाव के दौरान भगवा पार्टी की विभिन्न रैलियों में भी देखा गया था। शिशिर अधिकारी और दिव्येंदु अधिकारी अब भी तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी से दूरी बनाई हुई है।

राज्यपाल ने पीड़ितों को बताया बहन

बंगाल के राज्यपाल ने पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने का संकल्प लिया है। वह खुद को पीड़ित महिलाओं का मुंहबोला भाई मानते हैं। उन्होंने आश्वस्त किया है कि संदेशखाली की पीड़ित महिलाएं राजभवन में शरण ले सकती हैं, जहां उन्हें आश्रय, भोजन और सुरक्षा प्रदान की जाएगी। दिव्येंदु ने भी बोस को पत्र लिखकर उनके इस कदम की सराहना की है। तमलुक सांसद ने कहा, "अगर आप मुझे पीड़ित महिलाओं की किसी भी तरह से सहायत के लिए अपने साथ खड़े होने की अनुमति देते हैं तो मैं आपका आभारी रहूंगा।"

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