Himachal Rajya Sabha Elections: हिमाचल प्रदेल (Himachal Pradesh) के राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections 2024) में आखिरकार वो हो गया, जो बीजेपी ने चाही और कांग्रेस (Congress) को जिसकी उम्मीद नहीं थी। राज्य में राज्यसभा की एक सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन (Harsh Mahajan) राज्यसभा चुनाव जीत गए हैं। जबकि सत्ता में होते हुए भी कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) को हार का सामना करना पड़ा। इस सब से ये भी एकदम साफ हो गया कि कांग्रेस के विधायकों ने मतदान के दौरान क्रॉस वोटिंग (Cross Voting) की।
हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, "इतना भारी बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस राज्यसभा सीट हार गई। मैं हर्ष महाजन को एक बार फिर बधाई देता हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "हम सही कह रहे हैं कि इस जीत को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के सीएम को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए... महज एक साल के भीतर ही विधायकों ने उनका साथ छोड़ दिया है।"
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवारों के बीच बराबरी थी और दोनों को 34-34 वोट मिले। उन्होंने कहा कि टाई-ब्रेकर का इस्तेमाल किया गया और टॉस में बीजेपी उम्मीदवार जीत गया।
हिमाचल प्रदेश से बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन ने अपनी जीत के बाद कहा, "यह बीजेपी की जीत है, नरेंद्र मोदी की, अमित शाह की जीत है।" प्रदेश बीजेपी ने दावा किया है कि उनका उम्मीदवार चुनाव जीत गया है।
9 विधायकों ने दिया कांग्रेस को धोखा
जैसा कि जयराम ठाकुर ने बताया कि दोनों ही उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले, इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस खेमे से क्रॉस वोटिंग (Cross Voting) हुई है। क्योंकि कांग्रेस के पास हिमाचल में 40 विधायक हैं और राज्य में कुल 68 विधानसभा सीट हैं।
दिन में आई जानकारी के मुताबिक, सभी 68 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान किया था। सीधे तौर पर ये कहा जा सकता है कि कांग्रेस के 6 और निर्दलीय तीन विधायक, जो कांग्रेस के समर्थन में थे, उन्होंने भी क्रॉस वोटिंग की है।
वहीं हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "मुझ पर भरोसा जताने के लिए मैं वर्तमान और पूर्व कांग्रेस प्रमुखों को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने अच्छे विश्वास के कारण मुझे हिमाचल भेजा और मैं वास्तव में आभारी हूं। मैं सभी 9 विधायकों को भी धन्यवाद देता हूं, जो कल तक हमारे साथ थे।"
उन्होंने आगे कहा, "क्योंकि उन्होंने मुझे मानव स्वभाव, उसकी चंचलता या उसकी दृढ़ निश्चयीता के बारे में बहुत कुछ सिखाया है। उन्होंने हमारे साथ भोजन किया...इसलिए, मुझे लगता है कि हम मानव चरित्र के बुरे न्यायाधीश हैं, वे साफ तौर से मानव चरित्र के बेहतर न्यायाधीश हैं।"