Himachal Political Crisis: कांग्रेस के 6 विधायक अयोग्य घोषित, राज्यसभा चुनाव में BJP के पक्ष में की थी क्रॉस वोटिंग

Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में वोट डालने के पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने वाले कांग्रेस के 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। कांग्रेस विधायक और संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने दलबदल विरोधी कानून के तहत 6 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की थी

अपडेटेड Feb 29, 2024 पर 12:44 PM
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Himachal Pradesh Political Crisis: 6 विधायक तत्काल प्रभाव से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं रहेंगे

Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 बागी कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया के अनुसार, बागी विधायकों को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया है। स्पीकर ने कहा कि मैं घोषणा करता हूं कि छह विधायक तत्काल प्रभाव से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं रहेंगे। कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में अपने विधायकों के क्रॉस वोटिंग के बाद राज्य सरकार पर मंडराए खतरे को टालने के लिए बुधवार को कवायद शुरू की।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने की पेशकश करके पार्टी की मुश्किलें और बढ़ा दीं। वहीं दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 15 विधायकों को निलंबित कर दिया। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार सुबह कहा कि वह मंत्रिपरिषद से अपना इस्तीफा सौंप रहे हैं, लेकिन कुछ घंटे बाद उन्होंने अपना रुख नरम कर लिया।

इन विधायकों पर हुई कार्रवाई


हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार बताया, "दलबदल विरोधी कानून के तहत 6 विधायकों के खिलाफ मुझे याचिका मिली थी...6 विधायक जिन्होंने चुनाव कांग्रेस से लड़ा और दलबदल विरोधी कानून के तहत उनके खिलाफ याचिका मिली...मैंने अपने 30 पेज के आदेश में काफी विस्तार से इसकी जानकारी दी है...मैंने उन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है, अब वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं है।" अयोग्य ठहराए गए विधायकों में राजिंदर राणा, सुधीर शर्मा, इंदर दत्त लखनपाल, देविंदर कुमार भुट्टू, रवि ठाकुर और चेतन्य शर्मा हैं।

68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक थे, जबकि बीजेपी के 25 और 3 निर्दलीय विधायक थे। 6 बागी कांग्रेस विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद सदन की संख्या घटकर 62 हो जाएगी। अब बहुमत के लिए 32 विधायकों की जरूरत होगी।

सीएम ने सभी विधायकों को चाय पर बुलाया

कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में अपने 6 विधायकों के क्रॉस वोटिंग के बाद राज्य सरकार पर मंडराए खतरे को टालने के लिए बुधवार को कवायद शुरू की। पार्टी आलाकमान द्वारा भेजे गए तीन पर्यवेक्षकों ने शिमला में बैठकों का सिलसिला शुरू किया। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार सुबह शिमला में सभी कांग्रेस विधायकों की 'ब्रेकफास्ट मीटिंग' बुलाई है।

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राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने की पेशकश करके पार्टी की मुश्किलें और बढ़ा दीं। वहीं, दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 15 विधायकों को निलंबित कर दिया। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार सुबह कहा कि वह मंत्रिपरिषद से अपना इस्तीफा सौंप रहे हैं, लेकिन कुछ घंटे बाद उन्होंने अपना रुख नरम कर लिया।

Akhilesh

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First Published: Feb 29, 2024 12:37 PM

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