Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में फिलहाल तो कांग्रेस (Congress) सरकार बच गई, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) की कुर्सी खतरा अब भी मंडरा रहा है। साथ ही राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग (Cross Voting) करने वाले 6 कांग्रेस विधायकों को भी अयोग्य घोषित कर दिया गया। विधानसभा स्पीकर कुलदीप पठानिया ने इसका ऐलान किया। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि सुक्खू को मुख्यमंत्री पद से कब हटाया जाएगा, लेकिन ज्यादातर विधायक और मंत्री तो ऐसा ही चाहते हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश गए कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में पार्टी हाई कमान के सामने राज्य सरकार के भीतर की स्थिति को रखने की कोशिश की है। इसमें बताया गया है कि CM सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के खिलाफ विधायकों और मंत्रियों में भारी असंतोष है। इसलिए नेतृत्व फैसला करे कि लोकसभा चुनाव से पहले या बाद में मुख्यमंत्री को कब बदला जाए।
हालांकि, उच्च सूत्रों का ये भी दावा है कि “पर्यवेक्षकों ने आलाकमान को अपनी भी राय दी है और कहा है कि लोकसभा चुनाव तक सुखविंदर सिंह सुक्खू ही सीएम बने रहें।” मगर अंतिम फैसला कांग्रेस नेतृत्व ही लेगा। इस सब से तो फिलहाल यही लगता है कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने की संभावना बेहद कम है।
कांग्रेस के 6 विधायक अयोग्य घोषित
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार को छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। विधायकों ने सदन में वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था। अयोग्य घोषित किए गए विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, देवेंद्र कुमार भुट्टो, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा शामिल हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, "ये छह विधायक अयोग्य घोषित किए जाते हैं और ये तत्काल प्रभाव से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं रहेंगे।" इन विधायकों ने मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी।
पठानिया की तरफ से 15 BJP विधायकों को निलंबित करने के बाद सदन ने वित्त विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था।