'गुजराज में AAP का नहीं खुलेगा खाता, आज भी कांग्रेस ही है मुख्य विपक्षी पार्टी', केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दावा
Gujarat Elections 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से अमित शाह (Amit Shah) लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं और तकरीबन हर दिन पांच जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं
अमित शाह लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं और तकरीबन हर दिन पांच जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं
Gujarat Elections 2022: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुजरात विधानसभा चुनावों (Gujarat Assembly Elections) में आम आदमी पार्टी (AAP) की चुनौती को तवज्जो न देते हुए दावा किया कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली पार्टी शायद अपना खाता भी न खोल सके। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रदेश इकाई के अपने ‘संकल्प पत्र’ (Sankalp Patra) में कट्टरपंथ विरोधी प्रकोष्ठ (एंटी-रेडिकलाइजेशन सेल) बनाने के वादे को एक अच्छी पहल करार दिया और कहा कि इस पर केंद्र और दूसरी राज्य सरकारें भी विचार कर सकती हैं। बीजेपी ने चुनावी घोषणा पत्र (Manifesto) को ‘संकल्प पत्र’ का नाम दिया है।
PTI के साथ एक इंटरव्यू में शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की लोकप्रियता, राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान गुजरात के सर्वांगीण विकास और तुष्टीकरण कतई बर्दाश्त ना करने की नीति को पिछले 27 सालों में लोगों की तरफ से बार-बार बीजेपी पर विश्वास जताने का मुख्य कारण बताया।
उन्होंने कहा, “गुजरात में बीजेपी अप्रत्याशित जीत दर्ज करेगी। लोगों को हमारी पार्टी और हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है।” गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से शाह लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं और तकरीबन हर दिन पांच जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं।
गुजरात विधानसभा चुनाव में AAP की दस्तक के सवाल पर शाह ने कहा, "हर पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार है, लेकिन यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे उस पार्टी को स्वीकार करते हैं या नहीं।"
उन्होंने कहा, "गुजरात के लोगों के दिमाग में AAP कहीं नहीं ठहरती है। चुनाव नतीजों का इंतजार कीजिए, शायद AAP उम्मीदवारों का नाम सफल उम्मीदवारों की लिस्ट में आए ही नहीं।’’
गुजरात में आम तौर पर बीजेपी और कांग्रेस (Congress) के बीच मुकाबला होता रहा है, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP ने मोदी के गृह राज्य में आक्रामक प्रचार अभियान के जरिए कई इलाकों में मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से मिल रही चुनौती पर शाह ने कहा, "कांग्रेस अब भी मुख्य विपक्षी पार्टी है, लेकिन वह राष्ट्रीय स्तर पर संकट के दौर से गुजर रही है और इसका असर गुजरात में भी दिख रहा है।’’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में जारी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) के बारे में पुछे जाने पर BJP के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा राजनीति में लगातार कोशिश करते रहना जरूरी है।
उन्होंने कहा, "मेरा हमेशा से मानना रहा है कि नेताओं को परिश्रमी होना चाहिए और जब कोई परिश्रम करता है, तो अच्छा लगता है। लेकिन राजनीति में सतत प्रयास से ही परिणाम मिलते हैं। इसलिए इंतजार करिए और देखिए कि क्या नतीजा आता है।"
'हर चुनाव में जरूरी है राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा'
शाह अपनी चुनावी जनसभाओं में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों को भी जोरशोर से उठा रहे हैं। उनके मुताबिक यह ऐसा मुद्दा है, जो हर चुनाव में जरूरी है।
हालांकि, विपक्षी दल BJP पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह शासन से जुड़े स्थानीय मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए राज्यों के चुनाव में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे उठाती है।
शाह ने उन्हें जवाब देते हुए कहा, "गुजरात की सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है या नहीं है? गुजरात की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा अलग-अलग मुद्दे नहीं हैं। और अगर देश सुरक्षित नहीं होगा, तो गुजरात कैसे सुरक्षित रहेगा? इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा सभी राज्यों के चुनाव में जरूरी है।"
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "सीमावर्ती राज्य होने के चलते गुजरात के लोग राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर संवेदनशील हैं। देश के किसी भी कोने में हम राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित होने देने का खतरा नहीं उठा सकते।"
केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के विपक्षी दलों के आरोपों पर शाह ने कहा कि देश में एक स्वतंत्र और न्यूट्रल न्यायपालिका है और "अगर केंद्रीय एजेंसियों का कोई दुरुपयोग हो रहा है, तो वे न्यायपालिका का रुख कर सकते हैं।"
चुनावी अभियान में कानून-व्यवस्था का मुद्दा जोरशोर से उठाने वाले शाह ने कहा कि गुजरात में कानून-व्यवस्था में सुधार करना BJP सरकार की उपलब्धियों में एक रही है।