Indian Railway: जानिए मेन और लूप लाइन में क्या है अंतर, ओडिशा ट्रेन हादसे का क्या है संबंध?

Indian Railway: रेलवे की दो लाइन होती हैं। एक आने की और एक जाने की। इन्हें मेन लाइन कहते हैं। रेलवे प्लेटफार्म पर इन मेन लाइनों में से आवश्यकता अनुसार दो या चार अतिरिक्त लाइन निकाली जाती हैं। जिसके जरिए ट्रेन को प्लेटफार्म पर पहुंचाया जाता है। साइड में माल गाड़ी को खडी करने के काम आती हैं। इन्हें लूप लाइन कहते हैं

अपडेटेड Jun 07, 2023 पर 4:54 PM
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रेलवे स्टेशनों के पास लूप लाइनें बिछाई जाती हैं। इनकी लंबाई आमतौर पर एक किलोमीटर से कम होती हैं।

Indian Railway: हाल ही में ओडिशा के रेल हादसे के बारे में सबने सुना होगा। इस रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना के दौरान सबसे ज्यादा मेन लाइन और लूप लाइन का जिक्र किया गया था। कहा जा रहा था कि तमिलनाडु से पश्चिम बंगाल जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन (Coromandel Express Train) मेन लाइन की बजाय लूप लाइन में पहुंच गई थी। वहां लूप लाइन में पहले से ही मालगाड़ी खड़ी थी। जिससे टक्कर हो गई। इससे ट्रेन के कुछ डिब्बे दूसरी लाइन पर गिर गए थे। इसी दौरान बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस डाउन मेन लाइन से जा रही थी। जिसकी टक्कर इन डिब्बों से हो गई और यह बड़ा हादसा हो गया।

भारतीय रेलवे में मुख्या रूप से दो लाइन आती है। एक आने के लिए और दूसरी जाने के लिए। इसके बाद स्टेशन से कुछ लाइन निकाली जाती हैं। ताकि ट्रेनों को समय पर प्लेटफॉर्म में लाया जा सके। हम आपको ट्रेन की लाइनों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

लूप लाइन और मेन लाइन में फर्क


रेलवे में प्रमुख रूप से दो लाइनें (Types of Railway Lines) होती हैं। जिन्हें अप और डाउन के नाम से भी जानते हैं। ये मेन लाइनें (Main Lines) होती हैं। अब रेलवे स्टेशन पर आवश्यकता के अनुसार इन मेन लाइनों में से ही दो या चार अतिरिक्त लाइनें निकाली जाती हैं। इनमें से कुछ पर ट्रेनें प्लेटफॉर्म तक पहुंची हैं। वहीं कुछ पर मालगाड़ी खड़ी रहती हैं। इन्हें ही लूप लाइनें कहते हैं। इन लूप लाइनों को रेलवे स्टेशनों के आस-पास ही बिछाया जाता है। आमतौर पर इनका इस्तेमाल मालगाड़ियों को खड़ी करने के लिए होता है। सामान्य तौर पर लूप लाइन की लंबाई 750 मीटर होती है। कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन से डीरेल होकर लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई।

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मेन लाइन

मुख्य लाइन को ही मेन लाइन कहते हैं। जैसे दिल्ली से देहरादून मेन लाइन है। दिल्ली से अहमदाबाद एक मेन लाइन है। इन लाइनों पर स्पीड 100 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा से ऊपर नहीं जाती हैं।

ब्रांच लाइन

छोटे-छोटे शहरों या इलाकों में स्थित स्टेशनों से रेल लाइनों को मेन लाइन तक लाने का काम ब्रांच लाइन करती हैं। एक ही राज्य के किसी जिले से वहां की राजधानी तक लाने वाली रेल लाइन ब्रांच लाइन हो सकती है। इस लाइन में ट्रेन की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटे से कम ही रखी जाती है।

Jitendra Singh

Jitendra Singh

Tags: #IRCTC

First Published: Jun 07, 2023 4:52 PM

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