Indian Railway: सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस बार यह महीना करीब 2 महीने तक चलेगा। इसकी तैयारी भागलपुर रेलवे स्टेशन पर की जा रही है। यहां के फूड प्लाजा में केवल शाकाहारी भोजन मिलेगा भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (Indian Railway Catering and Tourism Corporation -IRCTC) ने ऐलान किया है कि वो भागलपुर जिले में 'सावन' के महीने के दौरान सिर्फ शाकाहारी भोजन (vegetarian food) परोसा जाएगा। इस दौरान मांसाहारी भोजन (non-vegetarian) नहीं परोसा जाएगा। यह व्यवस्था 4 जुलाई से शुरू हो जाएगी, जो कि 31 अगस्त तक चलेगा। यानी 4 जुलाई से मांसाहारी भोजन परोसना बंद कर दिया जाएगा।
फूड प्लाजा के मैनेजर पंकज कुमार (Pankaj Kumar) ने बताया कि सावन के महीने में बिना प्याज-लहसुन के भोजन परोसा जाएगा। इस शाकाहारी थाली में फल भी दिए जाएंगे। स्वच्छता का इसमें खास तौर से ध्यान दिया जाएगा। हिंदू कैलेंडर के मुताबित, सावन का महीना चंद्र कैलेंडर का पांचवां महीना और साल के सबसे पवित्र महीनों में से एक है।
शुद्ध शाकाहारी थाली में रहेंगी ये चीजें
इस शुद्ध शाकाहारी थाली में पनीर, सीजनल सब्जी, चावल, रोटी और प्लेन दाल, सलाद ये सभी आइटम एक प्लेट में होंगे। इसका दाम 110 रुपए रखा गए हैं। जिनको फलाहार करना है, उनके लिए भी इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा फूड स्टॉल की ओर से ऑनलाइन ऑर्डर भी स्वीकार किए जाएंगे। होटल कर्मचारी ने बताया कि कांवड़ यात्रियों का खास तौर से ध्यान दिया जाएगा। फूड प्लाजा से ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए मोबाइल नंबर 9304293012 जारी किया गया है। इस पर कॉल कर के ऑनलाइन ऑर्डर भी दे सकते हैं। स्टॉल कर्मचारियों की साफ-सफाई को लेकर विशेष ध्यान रखा गया है। कांवड़ियों को विशेष सुविधा दी जाएगी।
इस बार 58 दिन का है सावन का महीना
इस साल सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त को खत्म होगा। यह करीब 58 दिन तक चलेगा। इस अवधि में बहुत से लोग हर सोमवार को सावन महीने का उपवास रखते हैं। भगवान शिव के लिए यह उपवास शुभ माना जाता है। सावन के महीने में कावंड़ यात्रा (Kanwar Yatra) भी निकलती है। इस यात्रा में लोग पवित्र नदियों से पानी लेकर अपने घर आते हैँ। मिट्टी के छोटे-छोटे बर्तनों में पानी रखा जाता है। जिसे कांवड़ (Kanwars) कहते हैं। भक्त पवित्र जल लेने के लिए जब जाते हैं तो केसरिया रंग के कपड़े पहनते हैं। और भगवान शिव के मंदिरों के दर्शन के लिए पैदल चलते हैं। कांवड़ यात्रा में भक्त गंगा नदी का पवित्र जल लेने के लिए उत्तराखंड में हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री और बिहार में सुल्तानगंज जैसे स्थानों से जल लाते हैं।