India June Services PMI:जून सर्विसेज PMI 61.2 से घटकर 58.5 पर आई

June Services PMI:देश का सर्विसेज पीएमआई लगातार 23वें महीने में 50 के स्तर से ऊपर रहा है। इसका मतलब ये है कि देश में लगातार 23 महीनों से सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में तेजी बनी हुई है। वहीं जून कंपोजिट PMI 6.12 से घटकर 59.4 पर आ गई है। अगर पीएमआई आंकड़ा 50 के ऊपर होता है तो यह माना जाता है कि कारोबारी गतिविधियों में ग्रोथ हुई है

अपडेटेड Jul 05, 2023 पर 11:34 AM
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अगर पीएमआई आंकड़ा 50 के ऊपर होता है तो यह माना जाता है कि कारोबारी गतिविधियों में ग्रोथ हुई है। वहीं अगर ये आंकड़ा 50 के नीचे रहता है तो यह माना जाता है कि कारोबारी गतिविधियों में संकुचन आया है

June Services PMI:5 जुलाई को एसएंडपी ग्लोबल ( S&P Global) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत के सर्विस सेक्टर की कारोबारी गतिविधि जून में भी विस्तार के मोड में ही रही है। हालांकि इस अवधि में सर्विस सेक्टर का PMI (Purchasing Managers' Index) मई के 61.2 से घटकर 58.5 पर आ गया। देश का सर्विसेज पीएमआई लगातार 23वें महीने में 50 के स्तर से ऊपर रहा है। इसका मतलब ये है कि देश में लगातार 23 महीनों से सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में तेजी बनी हुई है। वहीं जून कंपोजिट PMI 6.12 से घटकर 59.4 (M-o-M) पर आ गई है।

ये भी बता दें कि अगर पीएमआई आंकड़ा 50 के ऊपर होता है तो यह माना जाता है कि कारोबारी गतिविधियों में ग्रोथ हुई है। वहीं अगर ये आंकड़ा 50 के नीचे रहता है तो यह माना जाता है कि कारोबारी गतिविधियों में संकुचन आया है।

भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सर्विस सेक्टर का हिस्सा 50 फीसदी से ज्यादा है। मई में जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी से मार्च 2023 तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर बढ़कर 6.1 फीसदी हो गई। इसके चलते 2022-23 में जीडीपी की सालना ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी पर आ गई।


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एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पोलियाना डी लीमा का कहना है कि जून में भारतीय सर्विस सेक्टर के लिए आने वाली मांग में बढ़ोतरी जारी रही। सभी चार मॉनिटर किए जा रहे सब-सेक्टर्स में नए कारोबार और नए ऑर्डर की मात्रा में जोरदार बढ़त देखने को मिली है। ग्रोथ मोमेंट में इस तेजी से देश की व्यावसायिक गतिविधि में और तेज उछाल देखने को मिला है। इससे रोजगार के आंकड़ों में भी बढ़ोतरी हुई है। इससे निकट अवधि की विकास संभावनाओं के लिए अच्छा संकेत मिल रहा है।

हालांकि सर्विस सेक्टर की कंपनियों ने जून में मजबूत प्रदर्शन किया है। लेकिन ग्लोबल इकोनामी में मंदी की वजह से निर्यात वृद्धि प्रभावित हुई है। इसके बावजूद, सर्विस सेक्टर कंपनियों ने जुलाई 2017 के बाद से अपनी कीमतें सबसे तेज दर से बढ़ाईं है। कमोडिटी की कीमतों में आई गिरावट के कारण कंपनियों के इनपुट लागत में गिरावट आई है। इसके बावजूद कंपनियों ने अपने प्रोडक्टस के भाव बढ़ाए हैं।

MoneyControl News

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First Published: Jul 05, 2023 11:15 AM

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