India April services PMI: एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) की तरफ से 3 मई को जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत के सर्विसेज सेक्टर (सेवा क्षेत्र) में अप्रैल में उछाल आया है। अप्रैल में भारत के सर्विसेज सेक्टर का परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) मार्च के 57.8 से बढ़कर 62.0 पर आ गया है। ये लेवल पिछले 13 सालों का हाइएस्ट लेवल है। अप्रैल महीने में भारत की सर्विसेज लगातार 21 महीने 50 के ऊपर रही है। ये भी बता दें कि अगर पीएमआई आंकड़ा 50 के ऊपर होता है तो यह माना जाता है कि कारोबारी गतिविधियों में ग्रोथ हुई है। वहीं अगर ये आंकड़ा 50 के नीचे रहता है तो यह माना जाता है कि कारोबारी गतिविधियों में संकुचन आया है।
कंपोजिट पीएमआई मार्च के 58.4 से बढ़कर 61.6 के स्तर पर आया
सर्विसेज पीएमआई डेटा शनिवार को आए अप्रैल मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के आंकडों के बाद आया है। अप्रैल महीने में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई भी 57.2 के उच्च स्तर पर रहा है। इसके चलते अप्रैल में देश की कंपोजिट पीएमआई मार्च के 58.4 से बढ़कर 61.6 के स्तर पर आ गई है। बता दें कि कंपोजिट पीएमआई, सर्विसेज पीएमआई और मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई का कॉम्बिनेशन होता है। अप्रैल का कंपोजिट पीएमआई जुलाई 2010 के बाद के सबसे हाइएस्ट लेवल पर रहा है।
नए ऑर्डरों की मात्रा भी जून 2010 के बाद सबसे तेज गति से बढ़ी
S&P Global ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि अप्रैल में नए ऑर्डरों की मात्रा भी जून 2010 के बाद सबसे तेज गति से बढ़ती नजर आई है। इस ग्रोथ की वजह सर्विसेज की मजबूत मांग और कॉम्पिटीटिव प्राइसिंग रही है। बिक्री के मामले में फाइनेंश और इंश्योरेंश सेक्टर टॉप पर रहे हैं। नए ऑर्डरों की बात करें तो अप्रैल में भारतीय सेवाओं के लिए इंटरनेशनल मांग में और सुधार आया है। देश में आने वाले नए एक्सपोर्ट ऑर्डर में लगातार तीसरे महीने बढ़त देखने को मिली है।
सर्विसेज एक्सपोर्ट में तेजी
भारत का सर्विसेज एक्सपोर्ट तेजी से फलफूल रहा है। नवीनतम भुगतान संतुलन आंकड़ों (Balance of Payments data)से पता चलता है कि अक्टूबर-दिसंबर में, सर्विसेज ट्रेड सरप्लस (services trade surplus) जुलाई-सितंबर के 34.4 बिलियन डॉलर से बढ़कर 38.7 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर आ गया है।
श्रम बाजार में रही कमजोरी
हालांकि सारी की सारी खबरें अच्छी ही नहीं रही हैं। एस एंड पी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की पॉलियाना डी लीमा का कहना है कि एस एंड पी ग्लोबल के सर्वे में सबसे कमजोर क्षेत्र श्रम बाजार रहा है। बिक्री में बढ़त और कारोबारी आउटलुक मजबूत होने के बावजूद अप्रैल में देखी गई रोजगार में हुई बढ़त नगण्य रही।
कीमतों में 2023 की अब तक की सबसे तेज बढ़त
इसके अलावा खाने-पीनें की चीजों, ईंधन, दवा, परिवहन के भाव में बढ़त और बढ़ती मजदूरी के कारण महंगाई बढ़ने से अप्रैल में उत्पादन लागत में तीन महीनों में सबसे तेज गति से बढ़त हुई है। हालांकि मजबूत मांग के चलते सेवा प्रदाता अपनी बढ़ती उत्पादन लागत को उपभोक्ताओं पर पास ऑन करने में सफल रहे हैं। जिसके चलते अप्रैल में कीमतों में 2023 की अब तक की सबसे तेज बढ़त देखने को मिली है।