तमिलनाडु के इंडस्ट्री, इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन और कॉमर्स राज्य मंत्री टीआरबी राजा ने कहा है कि तमिलनाडु अमेरिकी ऑटोमोटिव दिग्गज टेस्ला के लिए भारत में एक आदर्श निवेश डेस्टीनेशन होगा। सोमवार को 47 वर्षीय टीआरबी राजा ने चेन्नई में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मीट (GIM) के तीसरे संस्करण के मौके पर एक विशेष साक्षात्कार में मनीकंट्रोल से बात की। इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि वह जीआईएम में किए गए 70 फीसदी निवेश वादों को वास्तविक निवेश में परिवर्तित होते देखना चाहते हैं। यहां हम आपके लिए इस साक्षात्कार का संपादित अंश दे रहे हैं।
8 जनवरी को संपन्न दो दिवसीय जीआईएम में राज्य में 6.64 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। अगर ये प्रस्ताव स्वीकार हो जाते हैं और इनसे संबंधित योजना कार्यरूप से लेती तो राज्य में 26.9 लाख नौकरियां सृजित होंगी। इस जीआईएम में आए निवेश प्रस्ताव यह 5 लाख करोड़ के अनुमानित निवेश प्रस्ताव से कहीं ज्यादा हैं। राजा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इनमें से 70 फीसदी से ज्यादा प्रस्तावों को वास्तविक निवेश में परिवर्तित किया जाएगा, जबकि पिछली अन्नाद्रमुक सरकार के तहत यह 15-25 फीसदी था।
पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री टीआर बालू के बेटे, राजा ने मई 2023 में तमिलनाडु उद्योग मंत्री के रूप में शपथ ली और जीआईएम उनके प्रशासनिक और संगठनात्मक कौशल की पहली बड़ी परीक्षा थी।
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि टेस्ला के एलोन मस्क भारत के सबसे प्रगतिशील राज्य में निवेश करना चाहते हैं तो तमिलनाडु ही इसका सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। तमिलनाडु में प्रतिभाओं की भरमार है। यह देश का सबसे ज्यादा समावेशी और न्यायसंगत राज्य है। तमिलनाडु में निवेश करने से कंपनियो को राज्य के प्रतिभाशाली कार्यबल का लाभ उठाने का मौका मिलेगा। ऐसे अनुकूल वातावरण के होते हुए कोई कंपनी दूसरी जगह क्यों जाना चाहेगी?
टीआरबी राजा ने आगे कहा कि इस ग्लोबल इन्वेस्टमेंट मीट में लाखों करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। जिसके राज्य में बड़ी मात्रा में नौकरियां मिलेंगी। इस मीट को मिला रिस्पांस उम्मीद से परे रहा है। इस मीटिंग में सारे हॉल युवाओं, कॉलेज के छात्रों, युवा उद्यमियों, नए निवेशकों और घरेलू निवेशकों से भरा हुआ था।
उन्होंने आगे कहा कि पिछली अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा आयोजित जीआईएम के पिछले संस्करण बड़े पैमाने पर प्रचार के लिए किए गए थे। अब हम जो कर रहे हैं वह कारोबार के विस्तार के लिए कर रहे हैं। उन जीआईएम में प्रस्तावों /एमओयू की वास्तविकता में रूपांतरण की दर केवल 15-25 फीसदी थी। लेकिन इस जीआईएम के 70 प्रतिशत निवेश वादों को हकीकत में तब्दील करने का लक्ष्य है। हर कंपनी की अपनी समस्याएं होती हैं और बाज़ार की स्थिति बदल सकती है। ऐसे में 50 प्रतिशत से ज्यादा की रूपांतरण दर अच्छी मानी जाएगी। लेकिन इस बार राज्य की तरफ से 70 प्रतिशत रूपांतरण दर हासिल करने का लक्ष्य रखा गया। उम्मीद है कि यह लक्ष्य हासिल भी हो जाएगा।