Farmers Protest: किसानों के प्रदर्शन से मुश्किल में सिंघु बॉर्डर के दुकानदार, व्यापारियों ने जताई नाराजगी

Farmers Protest: किसानों को राजधानी में एंट्री करने से रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर भारी बैरिकेड्स और कंक्रीट कई ब्लॉक से किलेबंदी की गई है। साथ ही भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और लोगों की सीमा पार आवाजाही को भी प्रतिबंधित किया गया है

अपडेटेड Feb 14, 2024 पर 5:59 PM
Story continues below Advertisement
Farmers Protest: दुकानदारों और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है

Farmers Protest: दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर करीबन दो साल पहले किसानों ने विशाल विरोध प्रदर्शन किया था, जिससे दुकानदारों और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। जब एक बार फिर वहीं सब चीजें दोहराई जा रही है, तो यहां रहने वाले व्यापारियों के मन में एक बार फिर उथल-पुथल मची हुई है। इस बार वजह है पंजाब के किसानों द्वारा बुलाया गया 'दिल्ली चलो' मार्च, जिसकी शुरुआत मंगलवार को हजारों की संख्या में ट्रकों, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और पैदल चलकर आने वाले किसानों के साथ हुई। फिलहाल इस मार्च को पंजाब-हरियाणा सीमा पर रोक दिया गया है।

किसानों को राजधानी में एंट्री करने से रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर भारी बैरिकेड्स और कंक्रीट कई ब्लॉक से किलेबंदी की गई है। साथ ही भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और लोगों की सीमा पार आवाजाही को भी प्रतिबंधित किया गया है। ट्रैफिक सहित विभिन्न प्रतिबंधों के कारण स्थानीय लोगों को भी आने-जाने में काफी कठिनाई हो रही है और दुकानें दोपहर 2 बजे से पहले ही बंद हो रही हैं।

क्या बोले व्यापारी?


'कॉस्ट टू कॉस्ट' नाम के खरीदारी परिसर के प्रबंधक निकेश ने पीटीआई से कहा, ''हमारे कर्मी कार्यस्थल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। पिछले दो दिनों से दुकानें बंद पड़ी हैं, जिससे रोजाना 40 से 50 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है।'' उन्होंने कहा, ''जिस इमारत को हमने किराए पर लिया हुआ है उसका दिन का किराया 20 हजार रुपये पड़ता है। कौन हमारे नुकसान की भरपाई करेगा, सरकार या किसान?''

स्थानीय बाजार में भी गिनी-चुनी दुकानें ही खुली हैं लेकिन ग्राहकों की कम संख्या और समय से पहले दुकान बंद करने से उन्हें भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इलाके के ही एक दुकानदार करण ने कहा, ''जब से यह प्रतिबंध लागू किए गए हैं तब से मेरी दुकानें 95 फीसदी घाटे में जा रही हैं। हमारे ग्राहक सिंघु बॉर्डर के साथ-साथ हरियाणा के इलाकों से भी आते थे।''

करण की इलाके में तीन दुकानें हैं, जिनमें से एक दुकान कपड़े की है। उन्होंने कहा, ''जब पिछली बार किसानों का आंदोलन हुआ था तो हमें अपनी तीनों दुकानें एक साल के लिए बंद करनी पड़ी थीं। अब यहां कोई ग्राहक नहीं है। पता नहीं, अब क्या होगा।''

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Feb 14, 2024 5:53 PM

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।