Pankaj Udhas Death: मशहूर गजल गायक पंकज उधास का सोमवार को 72 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी नायाब ने सोशल मीडिया पर दी है। गजल सम्राट पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। वह "चिट्ठी आई है" और "जिएं तो जिएं कैसे" जैसे गीतों और गजलों के लिए जाने जाते हैं। यह खबर सामने आते ही म्यूजिक जगत में मातम पसरा हुआ है।
पंकज जैसे गजल सिंगर का यूं दुनिया छोड़ जाना फैंस को गमगीन कर गया है। हर कोई सोशल मीडिया पर नम आंखों से सिंगर को आखिरी श्रद्धांजलि दे रहा है। उनकी बेटी नायाब उधास ने एक बयान में बताया कि दिग्गज गायक पंकज उधास का 72 साल की उम्र में निधन हो गया।
उनकी टीम ने पुष्टि की कि 26 फरवरी की सुबह उनका निधन हो गया। उनकी टीम ने बताया, ''पंकज सर लंबी बीमारी से पीड़ित थे और पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। आज सुबह करीब 11 बजे उनका निधन हो गया। मैं ब्रीच कैंडी अस्पताल में हूं।''
ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ निधन
एक पारिवारिक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि पंकज उधास का ब्रीच कैंडी अस्पताल में पूर्वाह्न 11 बजे के करीब निधन हो गया। उधास ने 'नाम', 'साजन' और 'मोहरा' सहित कई हिंदी फिल्मों में पार्श्व गायक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई।
नयाब ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘इंस्टाग्राम’ पर पोस्ट किया, "बहुत भारी मन से, हम आपको पद्मश्री पंकज उधास के 26 फरवरी 2024 को लंबी बीमारी के कारण दुखद निधन होने की सूचना दे रहे हैं।’ पंकज उधास का अंतिम संस्कार मंगलवार (27 फरवरी) को होगा।
पंकज का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था। वो अपने तीनों भाइयों में सबसे छोटे थे। उनका परिवार राजकोट के पास चरखाड़ी नाम के एक छोटे से कस्बे का रहने वाला था। उनके पिता केशुभाई उधास सरकारी कर्मचारी थे। उन्हें इसराज बजाने का बहुत शौक था। वहीं उनकी मां जीतूबेन उधास को गानों का बहुत शौक था। यही वजह थी पंकज उधास समेत उनके दोनों भाइयों का रुझान संगीत की तरफ हमेशा से रहा।
'चिट्ठी आई है...' से देशभर में हुए मशहूर
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1980 में 'आहट' नाम से एक गज़ल एल्बम जारी करके की। धीरे-धीरे वह भारत में गजल संगीत का पर्याय बन गए। बॉलीवुड में गजल गायक ने संजय दत्त की फिल्म 'नाम' के लिए प्रतिष्ठित ट्रैक 'चिट्ठी आई है...' गाया था। फिल्म का निर्देशन महेश भट्ट ने किया था। यह गाना बहुत लोकप्रिय हुआ और इसने सभी को रुला दिया।