सिर्फ 30 सेकंड में कैसे गहरी नींद में सो जाते हैं PM मोदी? प्रधानमंत्री ने खुद छात्रों से शेयर किया सीक्रेट

PM मोदी ने कहा कि बच्चों की दबाव से निपटने में मदद करने के लिए उनमें दृढ़ता पैदा करना महत्वपूर्ण है और माता-पिता एवं शिक्षकों को सामूहिक रूप से छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना चाहिए। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं से पूर्व छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने के उद्देश्य से पीएम मोदी ने अभिभावकों को सलाह दी कि वे अपने बच्चे के रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड न मानें

अपडेटेड Jan 29, 2024 पर 5:27 PM
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Pariksha Pe Charcha 2024: 'परीक्षा पे चर्चा' में पिछले 6 वर्षों से छात्र, अभिभावक और शिक्षक शामिल होते रहे हैं

Pariksha Pe Charcha 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि वह बिस्तर पर जाने के महज 30 सेकंड के भीतर गहरी नींद में सो जाते हैं। उन्होंने रील्स के आदी छात्रों को 'स्क्रीन टाइम' के प्रति आगाह किया, जिससे नींद में खलल पड़ती है। नई दिल्ली स्थित 'भारत मंडपम' में 'परीक्षा पे चर्चा' के सातवें संस्करण के दौरान छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'स्क्रीन टाइम' नींद के समय को खा जाता है।

पीएम मोदी ने कहा, "संतुलित जीवनशैली बनाए रखने के लिए हर चीज की अधिकता से बचना चाहिए। स्वस्थ दिमाग के लिए एक स्वस्थ शरीर महत्वपूर्ण है और इसके लिए कुछ दिनचर्या, सूरज की रोशनी में समय बिताना और नियमित और पूरी नींद लेना आवश्यक है।" उन्होंने कहा, "स्क्रीन टाइम जैसी आदतें आवश्यक नींद के समय को खा रही हैं, जिसे आधुनिक स्वास्थ्य विज्ञान द्वारा बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।"

बता दें कि 'स्क्रीन टाइम' शब्द आम तौर पर उस समय को संदर्भित करता है, जो कोई व्यक्ति मोबाइल और टेलीविजन के स्क्रीन का उपयोग करके बिताता है। PM मोदी ने कहा, "मैंने बिस्तर पर जाने के 30 सेकंड के भीतर गहरी नींद में जाने की दिनचर्या बनाए रखी है। जागते समय पूरी तरह जागना और सोते समय गहरी नींद लेना एक संतुलन है, जिसे हासिल किया जा सकता है।"


छात्रों के सवालों के दिए जवाब

परीक्षा की तैयारी और स्वस्थ जीवनशैली के बीच संतुलन बनाने का मुद्दा उठाते हुए राजस्थान के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र धीरज सुभाष, कारगिल के पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय की नजमा खातून, अभिषेक कुमार तिवारी और अरुणाचल प्रदेश के सरकारी उच्चतर माध्यमिक के शिक्षक टोबी लाहमे ने प्रधानमंत्री मोदी से व्यायाम के साथ पढ़ाई के प्रबंधन के बारे में पूछा।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पीएम मोदी ने संतुलित आहार की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही फिटनेस के लिए नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों के महत्व पर भी जोर दिया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित 'परीक्षा पे चर्चा' में पिछले छह वर्षों से छात्र, अभिभावक और शिक्षक शामिल होते रहे हैं।

अभिभावकों को दी सलाह

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बच्चों की दबाव से निपटने में मदद करने के लिए उनमें दृढ़ता पैदा करना महत्वपूर्ण है और माता-पिता एवं शिक्षकों को सामूहिक रूप से छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना चाहिए। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं से पूर्व छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने के उद्देश्य से पीएम मोदी ने अभिभावकों को सलाह दी कि वे अपने बच्चे के रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड न मानें। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि छात्रों को खुद से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए, दूसरों से नहीं।

ये भी पढ़ें- Pariksha Pe Charcha 2024: 'दूसरों से नहीं, खुद से प्रतिस्पर्धा करें', पीएम मोदी ने परीक्षाओं से पहले छात्रों को दी तनाव मुक्त एग्जाम का मंत्र

बता दें कि कोरोना महामारी (Covid-19) के कारण चौथा संस्करण ऑनलाइन आयोजित किया गया था, जबकि पांचवां और छठा संस्करण टाउन-हॉल प्रारूप में संपन्न हुआ था। पिछले वर्ष के संस्करण में कुल 31.24 लाख छात्रों, 5.60 लाख शिक्षकों और 1.95 लाख अभिभावकों ने भाग लिया था। इस साल, 'माइ गोव पोर्टल' पर करीब 2.26 करोड़ रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जो छात्रों के बीच इस कार्यक्रम को लेकर व्यापक उत्साह को दर्शाता है।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Jan 29, 2024 5:25 PM

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