भारत में अलग अलग सेक्टर्स में नौकरी देने का रुझान फिलहाल स्थिर बना हुआ है। अलग अलग सेक्टर्स के लगभग 3020 इंप्लॉयर्स के एक हालिया मैनपावरग्रुप इंप्लॉइमेंट आउटलुक सर्वे के मुताबिक भारत में इंप्लॉयर्स नौकरियां देने के मामले में सोच समझ कर फैसले ले रहे हैं। हालांकि सभी सेक्टर्स के इंप्लॉयर्स ने नौकरी देने के रुझान में पॉजिटिव रुख दिखाया है। IT सेक्टर में रुझान 44 फीसदी की बढ़ते के साथ सबसे ज्यादा अच्छा बना हुआ है। इसके बाद ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक और ऑटोमोटिव में भी काफी अच्छा रुझान देखने को मिला है। वहीं तीसरे नंबर पर हेल्थकेयर और लाइफ साइंसेज में भी शानदार रुझान देखने को मिला है।
कम्युनिकेशंस सेक्टर में सबसे कम दिख रही है उम्मीद
हालांकि नौकरियों के मामले में सबसे कम उम्मीद कम्युनिकेशन सेक्टर में देखने को मिल रही है। यह रिसर्च 3 जुलाई से 31 जुलाई 2023 के बीच किए गए सर्वे पर आधारित है। Q4 के लिए नेट इंप्लॉइमेंट आउटलुक 37 फीसदी तक पॉजिटिव है जो कि तीसरे क्वार्टर के मुकाबले 1 फीसदी तक ज्यादा है और पिछले साल की तुलना में 17 फीसदी तक कम हो गया है। मैनपावरग्रुप इंडिया और मिडिल ईस्ट के एमडी संदीप गुलाटी ने कहा, "दुनिया भर में मौजूद जियो पॉलिटिकल और आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद सर्वे का नतीजा एक स्थिर अर्थव्यवस्था का संकेत दे रहा है।
त्योहारी सीजन की वजह से पॉजिटिव हुआ है रुझान
गुलाटी ने कहा, "त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ बड़े सेक्टर्स में विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार के फोकस और पहल से देश भर में नौकरियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।" गुलाटी ने आगे कहा कि काम की दुनिया में हो रहे बदलाव के साथ जो संगठन अपने वर्कफोर्स के पेशेवर विकास में निवेश करने और पॉजिटिव तरीके से वर्क कल्चर बनाने पर फोकस कर रहे हैं। इसके अलावा अलग अलग संगठन बदलाव करने को लेकर और बाजार की अस्थिरिरता से निपटने के लिए अपने यहां के वर्क कल्चर को लचीला बनाने पर फोकस कर रहे हैं।
सर्वे के नतीजों से यह पता चला है कि उत्तर भारत में 40 फीसदी की बढ़त के साथ नौकरियों की डिमांड सबसे ज्यादा है। इसके बाद भारत के पश्चिमी हिस्से का नंबर आता है जहां पर नौकरियों की डिमांड 38 फीसदी तक बढ़ी है। जब इंप्लॉयर्स से वर्कफोर्स के प्रोडक्शन में सबसे अहम चीजों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ट्रेनिंग, अपस्किलिंग और रीस्किलिंग के जरिए प्रोफेशनल डेवलपमेंट, पॉजिटिव वर्क कल्चर, और परफॉर्मेंस रिकग्नाइजेशन और इंप्लॉइज के लिए गोल को अहम बताया।
इन लोगों को नौकरी मिलने का चांस है सबसे ज्यादा
स्किल के बजाय इंप्लॉयर्स उन लोगों को नौकरी पर रख रहे हैं जो कि ज्यादा उम्र के हैं और अपनी नौकरी को चेंज करना चाहते हैं। या फिर वे किसी और वजह से बेरोजगार हैं। इसके अलावा इंप्लॉयर्स कम्युनिकेशन, टीम वर्क, जवाबदेही, प्रॉब्लम सॉल्युशन और एक्टिव लर्निंग को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। अगला सर्वेक्षण दिसंबर में जारी किया जाएगा और 2024 की पहली तिमाही के लिए भर्ती उम्मीदों की रिपोर्ट दी जाएगी।