एस एंड पी ग्लोबल इंडिया सर्विसेस पीएमआई बिजनेसेस एक्टिविटी इंडेक्स (S&P Global India Services PMI Business Activity Index) के मुताबिक मई महीने में भारत के सर्विसेस सेक्टर की कारोबारी गतिविधियां पिछले 11 साल में सबसे मजबूत स्तर पर रही हैं लेकिन इसी दौरान इस सेक्टर पर बढ़ती लागत का भी दबाव देखने को मिला है।
मई महीने में सर्विसेस PMI अप्रैल के 57.9 के स्तर से बढ़कर 58.9 के स्तर पर रही है। यह अप्रैल 2011 के बाद आई अब तक की सबसे बड़ी तेजी है। बता दें कि सर्विसेस PMI के ये आंकड़े आज यानी 3 जून को ही आए हैं।
यह भी बताते चलें कि 50 के लेवल के ऊपर का PMI (purchasing managers'index) इस बात का संकेत है कि कारोबारी गतिविधियों में विस्तार देखने को मिला है। वहीं यह आंकड़ा 50 के नीचे होता है तो इसका मतलब होता है कि कारोबारी गतिविधियों में गिरावट हुई है।
S&P Global Market Intelligence की पोलीयाना डी लीमा (Pollyanna De Lima) का कहना है कि कोविड -19 के बाद इंडियन इकोनॉमी के री-ओपनिंग से सर्विसेस सेक्टर की ग्रोथ को बढ़ावा मिला है। हालांकि बढ़ती लागत के कारण कारोबारी विस्तार सीमित रहा है।
आंकड़ों से पता चलता है कि सर्विस सेक्टर के लिए देश की इकोनॉमी में बेहतर मांग देखने को मिल रही है। नए वर्क ऑर्डर भी अच्छी संख्या में आ रहे हैं। हालांकि मई महीने में इनपुट कॉस्ट में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिसकी वजह से कंपनियां अपनी बढ़ती लागत को प्रोडक्ट्स के भाव बढ़ाकर उपभोक्ताओं पर थोपती नजर आई हैं। इस सर्वें के 16 साल के इतिहास में महंगाई की दर इस समय अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है।