रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) एक बार फिर ब्याज दर को स्थिर रख सकती है। केंद्रीय बैंक 10 अगस्त को रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला कर सकता है। अगर ऐसा होता है, यह लगातार तीसरी बार होगा, जब पॉलिसी रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। रेपो रेट वह दर है, जिस पर रिजर्व बैंक, कमर्शियल बैंकों को लोन देता है।
रिजर्व बैंक ने फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। उस वक्त रेपो रेट में 0.25 पर्सेंट की बढ़ोतरी की गई थी और उसके बाद यह 6.5 पर्सेंट के लेवल पर स्थिर है। मई 2022 से अब तक रेपो रेट में 2.50 पर्सेंट की बढ़ोतरी हो चुकी है। बैंकर्स का कहना है कि रिजर्व बैंक महंगाई दर पर नजर बनाए हुए है और परिस्थितियों के हिसाब से जरूरी कदम उठाने को भी तैयार है।
RBL बैंक के CEO और MD प्रलय मंडल ने बताया, 'केंद्रीय बैंक महंगाई दर के रुझानों पर करीबी नजर बनाए हुए है। पूर देश में मॉनसून की स्थिति का आकलन करने और अल-नीनी से जुड़े खतरों में बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय बैंक इन रुझानों पर बारीक नजर रखेगा। '
रिजर्व बैंक ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 (FY24) के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) इनफ्लेशन 5.1 पर्सेंट रहने का अनुमान जताया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 जून को मॉनिटी पॉलिसी कमेटी की बैठक में फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही के दौरान इनफ्लेशन 4.6 पर्सेंट रहने का अनुमान जताया था।
रिजर्व बैंक को दूसरी तिमाही में रिटेल इनफ्लेशन 5.2 पर्सेंट रहने का अनुमान है, जबकि तीसरी तिमाही में इसके 5.4 पर्सेंट रहने की संभावना है। इसके अलावा, फाइनेंशियल ईयर की चौथी तिमाही में केंद्रीय बैंक को इनफ्लेशन 5.2 पर्सेंट रहने का अनुमान है।
ग्लोबल लेवल पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी
ग्लोबल लेवल पर बात की जाए, तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 23 जुलाई को पॉलिसी रेट में 0.25 पर्सेंट की बढ़ोतरी की है। साथ ही, उसने आगामी महीनों में एक बार और बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं। इसके अलावा, यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने भी 27 जुलाई को ब्याज दर में 0.25 पर्सेंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया।