अप्रैल-जुलाई में फिस्कल डेफिसिट बढ़कर 6.06 लाख करोड़ रहा, पिछले साल के मुकाबले 78% की बढ़ोतरी

कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंट्स की तरफ से 31 अगस्त को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 6.06 लाख करोड़ का आंकड़ा पूरे वित्त वर्ष (2024) के फिस्कल डेफिसिट टारगेट का 33.9 पर्सेंट है। पूरे वित्त वर्ष के लिए फिस्कल डेफिसिट 17.87 लाख रहने का अनुमान जताया गया है। अप्रैल-जुलाई 2022 में फिस्कल डेफिसिट, वित्त वर्ष 2022-23 के कुल फिस्कल डेफिसिट टारगेट का 20.5 पर्सेंट था

अपडेटेड Aug 31, 2023 पर 6:18 PM
Story continues below Advertisement
पूरे वित्त वर्ष के लिए फिस्कल डेफिसिट का टारगेट 17.87 लाख करोड़ रुपये है।

अप्रैल-जुलाई 2023 में केंद्र सरकार का फिस्कल डेफिसिट बढ़कर 6.06 लाख करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल की इसी अवधि में वित्तीय घाटा (fiscal deficit) 4.51 लाख करोड़ रुपये था। कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंट्स की तरफ से 31 अगस्त को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 6.06 लाख करोड़ का आंकड़ा पूरे वित्त वर्ष (2024) के फिस्कल डेफिसिट टारगेट का 33.9 पर्सेंट है।

पूरे वित्त वर्ष के लिए फिस्कल डेफिसिट 17.87 लाख  करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया है। अप्रैल-जुलाई 2022 में फिस्कल डेफिसिट, वित्त वर्ष 2022-23 के कुल फिस्कल डेफिसिट टारगेट का 20.5 पर्सेंट था।

जुलाई में केंद्र सरकार की वित्तीय स्थिति कमजोर रही और इस दौरान फिस्कल डेफिसिट 1.54 लाख करोड़ रुपये था। पिछले साल इसी महीने में सरकार के पास 11,040 करोड़ का फिस्कल सरप्लस था। अप्रैल-जुलाई 2023 में फिस्कल डेफिसिट वित्त वर्ष 2022-23 के पहले चार महीनों की तुलना में 77.7 पर्सेंट ज्यादा रहा। बहरहाल, केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2023-24 में फिस्कल डेफिसिट के लिए तय किए गए टारगेट को पूरा करने की राह पर है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए फिस्कल डेफिसिट टारगेट, जीडीपी (GDP) का 5.9 पर्सेंट तय किया गया है।

India GDP: देश की जीडीपी ग्रोथ Q1 में 7.8% रही, पिछली 4 तिमाहियों में सबसे अधिक


जुलाई में आय और खर्च, दोनों मोर्चों पर सरकार का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। जुलाई में कुल आय सालाना आधार पर 7.4 पर्सेंट की गिरावट के साथ 1.76 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि इस दौरान कुल खर्च 84.6 पर्सेंट बढ़कर 3.3 लाख करोड़ रुपये हो गया। साथ ही, खर्च में बढ़ोतरी के लिए मोटे तौर पर पूंजीगत खर्च भी जिम्मेदार नहीं था। संबंधित अवधि में पूंजीगत खर्च 14.9 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 38,599 करोड़ रुपये रहा।

अप्रैल-जुलाई 2023 के दौरान केंद्र सरकार का कुल रेवेन्यू सालाना आधार पर 1.4 पर्सेंट की गिरावट के साथ 7.75 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि इस दौरान खर्च 22.5 पर्सेंट बढ़कर 13.81 करोड़ रुपये हो गया। इस अवधि में कैपिटल एक्सपेंडिचर सालाना 52 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 3.17 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पूरे साल के लिए तय किए गए टारगेट का 31.7 पर्सेंट है। केंद्र सरकार पूंजीगत खर्चों का इस्तेमाल कर इकनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देने में जुटी है।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Aug 31, 2023 6:14 PM

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।