RBI ने आज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है। SDF रेट को बी 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। MSF रेट में भी कोई बदलाव न करके इसे 6.75 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला लिया गया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आरबीआई एमपीसी के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि MPC ने सर्वसम्मति से दरें न बढ़ाने का फैसला लिया है। भारत में बैंकिंग और लोन बैंकिंग सेक्टर मजबूत है। मई 2022 से दरों में अब तक 2.90 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रिटेल महंगाई दिसंबर 2022 से बढ़ रही है। कोर महंगाई दर अब भी ऊपरी स्तरों पर है। देश में प्राइवेट डिमांड में धीमापन दिखा है।
FY24 में GDP ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने का अनुमान
देश की इकोनॉमी की ग्रोथ की स्थित पर बात करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि FY24 का GDP ग्रोथ अनुमान 6.5 फीसदी है। FY24 का GDP ग्रोथ अनुमान 6.4 फीसदी से बढ़कर 6.5 फीसदी किया गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024 का पहली तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं, वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी पर रह सकती है। जबकि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी पर रह सकती है। वहीं, वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.9 फीसदी पर रह सकती है।
वित्त वर्ष 2024 में रिटेल महंगाई 5.2 फीसदी रहने का अनुमान
महंगाई पर बात करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में रिटेल महंगाई 5.2 फीसदी पर रह सकती है। वित्त वर्ष 2024 की रिटेल महंगाई का अनुमान 5.3 फीसदी से घटकर 5.2 फीसदी किया गया है। आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में रिटेल महंगाई 5.1 फीसदी पर रह सकती है। वहीं, वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में रिटेल महंगाई 5.4 फीसदी पर रह सकती है। जबकि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में रिटेल महंगाई 5.4 फीसदी पर रह सकती है। वहीं, आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में रिटेल महंगाई 5.2 फीसदी पर रह सकती है।
ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट पर आरबीआई नजर
फाइनेंशियल सेक्टर की स्थिति पर बात करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट पर आरबीआई नजर बनी हुई है। मौजूदा वक्त अनिश्चितताओं से भरा हुआ है। लेकिन भारतीय बैंकिंग सिस्टम की स्थिति मजबूत है। महंगाई के खिलाफ जंग जारी रहेगी।
सर्विसेज एक्सपोर्ट सेक्टर में शानदार ग्रोथ, UPI का दायरा बढ़ाने पर फोकस
आरबीआई गर्वनर ने आगे कहा कि देश में UPI का दायरा बढ़ाने पर फोकस बना हुआ है। आगे आर्थिक स्थिति के मुताबिक दरों पर फैसला लेंगे। महंगाई आंकड़े सामान्य मॉनसून अनुमान पर आधारित हैं। देश में सर्विसेज एक्सपोर्ट सेक्टर में शानदार ग्रोथ देखने को मिली है। उन्होंने ये भी बताया की आरबीआई के सभी ग्रोथ अनुमान ये मान कर लगाए गए हैं। कच्चे तेल की कीमतें 85 डॉलर प्रति बैरल के आसपास ही रहेंगी। शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि बैंकिंग सेक्टर के उतार-चढ़ाव पर नजर बनी हुई है।
रुपए में स्थिरता बनाए रखने पर काम जारी
रुपए में स्थिरता बनाए रखने पर काम जारी है। अप्रैल-दिसंबर की अवधि में देश का CAD(चालू खाते का घाटा) जीडीपी का 2.7 फीसदी रहा है। अक्टूबर-दिसंबर में चालू खाते का घाटा GDP के 2.2 फीसदी पर था। वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 2024 में CAD में सुधार संभव है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 60000 करोड़ डॉलर पर आ गया है।