भारत भले ही 3 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी है लेकिन चीन से टक्कर लेना मुश्किल: रघुराम राजन

रघुराम राजन ने कहा, भारत 3 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी हो सकती है लेकिन चीन को पीछे छोड़ने के लिए इसको अभी भी बहुत लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा। चीन की इकोनॉमी भारत से 5 गुना बड़ी है

अपडेटेड Jul 08, 2022 पर 1:00 AM
Story continues below Advertisement
रघुराम राजन ने आगे कहा कि हालांकि वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी के 8.7 फीसदी के दर से ग्रो करने का अंदाजा है। लेकिन यह ध्यान में रखें कि इस आंकड़े में लो बेस का योगदान ज्यादा है

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने चेतावनी के लहजे में कहा है कि अगर भारत रिफॉर्म के लिए तेजी से कदम नहीं उठाता है तो इकोनॉमी की ग्रोथ धीमी पड़ती नजर आ सकती है। सिंगापुर में 4 जुलाई को हुए स्टैंडर्ड चार्टर्ड के एक इवेंट में बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि रिफॉर्म की तरफ सही कदम उठाकर भारत अपनी विकास की गति को बढ़ा सकता है। इसके बगैर देश में तेजी से ग्रोथ मुमकिन नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में अक्सर सुधार को लेकर राजनैतिक मतभेद और संघर्ष शुरु हो जाते हैं जिसके कारण देश का विकास धीमा पड़ सकता है। हमें यह देखना होगा कि सरकार सुधारों की गति को किस तरीके से तेज करती है।

उन्होंने आगे कहा कि इस समय देश में एक ऐसी सरकार है जो देश में आर्थिक सुधारों के लिए कोशिश करती नजर आ रही है लेकिन दुर्भाग्यवश इन सुधारों को लेकर व्यापक सहमित बनाने में कामयाबी हासिल नहीं हुई है। जिसके चलते हाल के दिनों में हमें सरकार के सुधारात्मक कदमों का भारी विरोध होता नजर आया है। उदाहरण के लिए सरकार को महीनों चले भारी विरोध के बाद अपने कृषि सुधार कानूनों को वापस लेना पड़ा। 19 नवंबर को मोदी सरकार ने भारी विरोध के चलते अपने 3 नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया।

रघुराम राजन ने आगे कहा कि हालांकि वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी के 8.7 फीसदी के दर से ग्रो करने का अंदाजा है। लेकिन यह ध्यान में रखें कि इस आंकड़े में लो बेस का योगदान ज्यादा है। क्योंकि वित्त वर्ष 2021 में इकोनॉमी में 6.6 फीसदी का संकुचन देखने को मिला था। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023 में ग्रोथ रेट धीमी पड़कर 7.2 फीसदी पर आ सकती है। वहीं, मीडियम टर्म में इसके 6 फीसदी के आसपास रहने की संभावना है।


रघुराम राजन ने बैंकों के निजीकरण के हालिया रिपोर्ट की ओर इशारा करते हुए कहा कि सरकार को बैंकिंग सेक्टर में सही तरीके से रिफॉर्म करना चाहिए। यह बैंकिंग सेक्टर में सुधार करने का अच्छा मौका है। इस समय बैंकिंग सेक्टर इकोनॉमी को आगे बढ़ाने की जगह उसके रास्ते में रोड़े अटकाते नजर आ रहा है। हमें इस स्थिति को दुरुस्त करने की जरुरत है। हमें क्रेडिट ग्रोथ को मजबूती देने पर फोकस करना होगा।

एक्सपर्ट्स से जानें इस हफ्ते FOMC मिनट और चीन के महंगाई आंकड़ों के अलावा और कहां रहेगी बाजार की नजर

उन्होंने आगे कहा कि भारत में निवेशकों के लिए व्यापक मौके हैं। भारत युवाओं का देश है और यहां इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश की भारी जरुरत है। उन्होंने इस बातचीत में यह भी कहा कि भारत 3 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी हो सकती है लेकिन चीन को पीछे छोड़ने के लिए इसको अभी भी बहुत लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा। चीन की इकोनॉमी भारत से 5 गुना बड़ी है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत में हाई इनकम ग्रुप की स्थिति तो अच्छी है और फॉर्मल सेक्टर में प्रॉफिटिबिलिटी भी काफी मजबूत है लेकिन ध्यान रखें कि लोअर मीडिल क्लास के लोगों में भारी बेरोजगारी की दर एक बहुत बड़ी समस्या है।

अपर मिडल क्लास ने बहुत अच्छा किया है क्योंकि महामारी के दौरान उन्हें कभी भी काम बंद नहीं करना पड़ा, जबकि लोअर मिडल क्लास के लोगों को काफी परेशानियां उठानी पड़ी। राजन ने अपनी बात रखने के लिए कृषि क्षेत्र में रोजगार की बढ़ती संख्या का हवाला दिया और कहा कि यह एक बहुत ही अजीबोगरीब घटना है क्योंकि कोई भी विकासशील अर्थव्यवस्था कृषि रोजगार में वृद्धि नहीं देखती है।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Jul 04, 2022 1:27 PM

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।