India GDP : सरकार ने GDP की ग्रोथ के आंकड़े जारी कर दिए। मार्च तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 6.1 फीसदी रही। यह Reserve Bank of India और एनालिस्ट्स की उम्मीद से ज्यादा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने 31 की शाम जीडीपी के आकड़े जारी किए। स्टैटिस्टिक्स मिनिस्ट्री ने अपने पहले प्रोविजनल अनुमान में फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के दौरान जीडीपी की ग्रोथ 7.2 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है। यह 7 फीसदी के दूसरे एडवान्स एस्टिमेट के मुकाबले 0.20 फीसदी ज्यादा है। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 13.1 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी और तीसरी तिमाही में 4.5 फीसदी थी।
एनालिस्ट्स ने जीडीपी ग्रोथ 5.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था
पिछले हफ्ते मनीकंट्रोल के पोल में एनालिस्ट्स ने मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। दूसरे अनुमानों में भी मार्च तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 5.1 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई थी। अनुमान से बेहतर जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े से RBI और सरकार को राहत मिलेगी। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल में कहा था कि अगर 2022-23 के दौरान जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी से ज्यादा रहती है तो उन्हें हैरानी नहीं होगी।
एग्रीकल्चर सेक्टर में शानदार ग्रोथ
जनवरी-मार्च में एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ बहुत अच्छी रही। इस दौरान GVA (Gross Value Added) 5.5 फीसदी रहा। यह दिसंबर तिमाही में 4.7 फीसदी था। 2022 की पहली तिमा्ही में यह 4.1 फीसदी था। मार्च तिमाही में जीडीपी में अच्छी ग्रोथ में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का बड़ा योगदान है। इस सेक्टर का जीवीए साल दर साल आधार पर 4.5 फीसदी ज्यादा रहा। इससे पहले की दो तिमाहियों में इस सेक्टर की ग्रोथ निगेटिव रही थी। जुलाई-सितंबर में इसमें 3.8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 1.4 फीसदी की गिरावट आई थी।
पूरे साल की मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ सुस्त
हालांकि, पूरे साल (2022-23) के दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ सुस्त रही। इसका जीवीए सिर्फ 1.3 फीसदी रहा। हालांकि, यह सरकार के 0.6 फीसदी के दूसरे एडवान्स एस्टिमेंट से ज्यादा है। जनवरी-मार्च तिमाही में प्राइवेट कंजम्प्शन 2.8 फीसदी बढ़ा। ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 8.9 फीसदी ज्यादा रहा। इससे निवेश में उछाल का संकेत मिलता है।
चौथी तिमाही में अलग-अलग सेक्टर का कैसा रहा प्रदर्शन
एग्रीकल्चर सेक्टर - 5.5 फीसदी
माइनिंग सेक्टर - 4.3 फीसदी
कंस्ट्रक्शन सेक्टर - 10.4 फीसदी
इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर - 6.9 फीसदी
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर - 4.5 फीसदी
फाइनेंशियल सेक्टर - 7.1 फीसदी
ट्रेड एंड होटल सेक्टर - 9.1 फीसदी