Current Account Deficit : मार्च तिमाही में भारत के चालू खाते के घाटे में आई कमी, GDP के 0.2 फीसदी पर आया

GDP के परसेंटेज के रूप में जनवरी-मार्च 2023 में चालू खाते का घाटा 0.2 फीसदी है जबकि अक्टूबर-दिसंबर 2022 में यह 2 फीसदी और जनवरी-मार्च 2022 में 1.6 फीसदी थी। आरबीआई ने कहा कि 2022-23 में चालू खाते का घाटा GDP का 2 फीसदी है, जो कि 2021-22 में 1.2 फीसदी से अधिक है

अपडेटेड Jun 27, 2023 पर 5:53 PM
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जनवरी-मार्च की अवधि में भारत का चालू खाते का घाटा (CAD) घटकर केवल 1.3 अरब डॉलर पर आ गया है।

Current Account Deficit : जनवरी-मार्च की अवधि में भारत का चालू खाते का घाटा (CAD) घटकर केवल 1.3 अरब डॉलर पर आ गया है। तेल की कीमतों में गिरावट और सर्विस सेक्टर में तेजी के चलते इसमें कमी आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा आज 27 जून को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इसके साथ ही, भारत ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 67 अरब डॉलर का चालू खाते का घाटा दर्ज किया है, जबकि 2021-22 में यह आंकड़ा 38.7 अरब डॉलर था। बता दें कि चालू खाते का घाटा मुख्य रूप से ग्लोबल ट्रेड के मोर्चे पर देश की स्थिति को बताता है।

मार्च तिमाही में GDP के 0.2 फीसदी पर आया CAD

GDP के परसेंटेज के रूप में जनवरी-मार्च 2023 में चालू खाते का घाटा 0.2 फीसदी है जबकि अक्टूबर-दिसंबर 2022 में यह 2 फीसदी और जनवरी-मार्च 2022 में 1.6 फीसदी थी। आरबीआई ने कहा कि 2022-23 में चालू खाते का घाटा GDP का 2 फीसदी है, जो कि 2021-22 में 1.2 फीसदी से अधिक है।


व्यापार घाटे में आई कमी

भारत का चालू खाते का घाटा अप्रैल-जून 2022 में 17.9 अरब डॉलर, जुलाई-सितंबर 2022 में 30.9 अरब डॉलर और अक्टूबर-दिसंबर में 16.8 अरब डॉलर रहा। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि जनवरी-मार्च 2023 में चालू खाते के घाटे में तिमाही आधार पर कमी की वजह व्यापार घाटे में गिरावट रही। तीसरी तिमाही में व्यापार घाटा 71.3 अरब डॉलर था जो चौथी तिमाही में घटकर 52.6 बिलियन डॉलर पर आ गया।

इन दो वजहों से कम हुआ व्यापार घाटा

भारत का ओवरऑल व्यापार घाटा दो कारणों से कम हुआ है। इसे वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट से मदद मिली है। भारत की कच्चे तेल की कीमत 2022-23 की आखिरी तिमाही में गिरकर 80.6 डॉलर प्रति बैरल हो गई। जबकि अक्टूबर-दिसंबर 2022 में यह 85.8 डॉलर और जुलाई-सितंबर 2022 में 97.9 डॉलर थी। इसके अलावा, सर्विस सेक्टर में तेजी से भी इसे मदद मिली है। आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-मार्च 2023 में भारत का सर्विस ट्रेड सरप्लस 39.1 अरब डॉलर था, जो अब तक का उच्चतम स्तर है।

Shubham Singh Thakur

Shubham Singh Thakur

First Published: Jun 27, 2023 5:53 PM

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