गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT City) साल 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है। यह कहना है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का। आज गांधीनगर में 10 वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के हिस्से के रूप में 'गिफ्ट सिटी-एन एस्पिरेशन ऑफ मॉडर्न इंडिया' विषय पर आयोजित सेमिनार में सीतारमण ने यह बात कही। सीतारमण ने वित्तीय और निवेश गतिविधियों के प्रवेश द्वार के रूप में गिफ्ट सिटी की रणनीतिक स्थिति पर प्रकाश डाला।
ग्रीन टेक्नोलॉजी पर सीतारमण ने सुझाव दिया कि गिफ्ट सिटी अपने फाइनेंशियल ऑपरेशन में सस्टेनेबिलिटी पर जोर देते हुए ग्रीन क्रेडिट के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में काम कर सकता है। इसके अलावा, उन्होंने गिफ्ट सिटी से 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी हासिल करने के भारत के लक्ष्य में योगदान देने के लिए एक डायवर्स फिनटेक लेबोरेटरी स्थापित करने का आग्रह किया।
गिफ्ट सिटी का ओवरव्यू प्रदान करते हुए सीतारमण ने इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (IFSC) में ऑपरेशन की बढ़ती मौजूदगी का उल्लेख किया, जिसमें तीन एक्सचेंज, 25 बैंक (नौ विदेशी बैंक), 26 एयरक्राफ्ट लेजर, 80 फंड मैनेजर, 50 प्रोफेशनल सर्विस प्रोवाइडर और 40 फिनटेक एंटिटी शामिल हैं।
गिफ्ट सिटी को टेक्नोलॉजी और फाइनेंस का मिश्रण बताते हुए सीतारमण ने वित्तीय सेवाओं में टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने की जरूरत पर जोर दिया। सीतारमण का मानना है कि भारत ग्लोबल ग्रोथ में एक ड्राइविंग फोर्स के रूप में काम करेगा और यह डेवलप वेस्टर्न वर्ल्ड और ग्लोबल साउथ के बीच एक ब्रिज के रूप में है।