निजी क्षेत्र के आगे आए बिना भारत विकास के मौजूदा स्तर को बनाए रख सकता है: वित्त सचिव

वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बताया कि निजी पूंजीगत खर्च के साथ या उसके बिना, भारत के पास मौजूदा स्तर पर विकास दर को बनाए रखने के लिए पर्याप्त मारक क्षमता है नवंबर 2023 में जारी GDP आंकड़ों के बाद भारत के Statistics Ministry ने 2023-24 के लिए वास्तविक वृद्धि 7.3 फीसदी आंकी है

अपडेटेड Feb 03, 2024 पर 2:59 PM
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विकास के मौजूदा स्तर को बनाए रख सकता है भारत

GDP: मोदी सरकार की ओर से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने मनीकंट्रोल के साथ खास बातचीत में बताया कि निजी पूंजीगत व्यय के साथ या उसके बिना, भारत के पास मौजूदा स्तर पर विकास दर को बनाए रखने के लिए पर्याप्त मारक क्षमता है। सोमनाथन ने अगले वित्त वर्ष के लिए कुल व्यय के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च में वृद्धि का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है जिससे विकास दर को इस वर्ष की दर से नीचे रोका जा सके और निजी पूंजीगत खर्च केवल इस विकास दर को और बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के आगे आए बिना, हमने वह विकास दर हासिल कर ली है। हम इस साल की तुलना में अगले साल अधिक खर्च करना जारी रखेंगे।

GDP आंकड़े

नवंबर 2023 में जारी आश्चर्यजनक GDP आंकड़ों के बाद भारत के Statistics Ministry ने 2023-24 के लिए वास्तविक वृद्धि 7.3 फीसदी आंकी है, जिसमें दिखाया गया है कि जुलाई-सितंबर में भारतीय इकोनॉमी में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हालांकि बजट में वास्तविक GDP वृद्धि का पूर्वानुमान नहीं लगाया गया है।

भारतीय इकोनॉमी


इससे पहले वित्त मंत्रालय ने 29 जनवरी को एक रिपोर्ट में कहा था कि 2024-25 में भारतीय इकोनॉमी की विकास दर 7 फीसदी के करीब हो सकती है। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन के कार्यालय के अधिकारियों के जरिए लिखी गई एक रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा, "घरेलू मांग की ताकत ने पिछले तीन वर्षों में इकोनॉमी को 7 प्रतिशत से अधिक की विकास दर पर पहुंचा दिया है।"

इतना किया आवंटन

इससे पहले 1 फरवरी को देश का अंतरिम बजट पेश किया गया था। इस दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय के रूप में 11.1 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। जबकि यह चालू वर्ष के बजट अनुमान से 11.1 प्रतिशत की वृद्धि और संशोधित अनुमान से 16.9 प्रतिशत अधिक है। अनुमान है, वृद्धि की गति अपेक्षाकृत मामूली है। 2023-24 में इस लक्ष्य को भारी 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया।

पूंजीगत खर्च

वहीं सोमनाथन ने कहा कि यह एक और साल होगा जब बजट के हिस्से के रूप में और GDP के हिस्से के रूप में, पूंजीगत खर्च बढ़ रहा है और यह पिछले वर्ष में बहुत अधिक विस्तार से आगे बढ़ रहा है। बता दें कि यह व्यापक रूप से अपेक्षित था कि सरकार के जरिए पूंजीगत खर्च में वृद्धि की गति आगे चलकर धीमी हो सकती है। दरअसल, नागेश्वरन ने दिसंबर 2022 में पिछले साल के बजट से पहले चेतावनी दी थी कि सार्वजनिक पूंजीगत खर्च उतनी तेजी से नहीं बढ़ सकता जितना हाल के वर्षों में हुआ है।

MoneyControl News

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First Published: Feb 03, 2024 2:59 PM

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