Foreign Direct Investment: देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का फ्लो चालू वित्त वर्ष 2023-24 के पहले नौ महीने यानि अप्रैल-दिसंबर-2023 में 13 प्रतिशत घटकर 32.03 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। मुख्य रूप से कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, टेलिकॉम, वाहन और फार्मा क्षेत्रों में कम निवेश के कारण एफडीआई घटा है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में देश में 36.74 अरब डॉलर का एफडीआई आया था। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान एफडीआई 18 प्रतिशत बढ़कर 11.6 अरब डॉलर रहा, जो 2022-23 की समान तिमाही के दौरान 9.83 अरब डॉलर था।
भारत में एफडीआई इक्विटी फ्लो वित्त वर्ष 2022-23 में 22 प्रतिशत घटकर 46 अरब डॉलर रहा था। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड (DPIIT) के आंकड़ों के अनुसार, कुल FDI फ्लो अप्रैल-दिसंबर, 2022 के 55.27 अरब डॉलर के मुकाबले अप्रैल-दिसंबर 2023 में 7 प्रतिशत घटकर 51.5 अरब डॉलर रह गया। कुल FDI फ्लो में इक्विटी फ्लो, रीइनवेस्टेड अर्निंग्स और अन्य पूंजी शामिल है।
चालू वित्त वर्ष के पहले 9 माह में कुछ प्रमुख देशों जैसे सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन, साइप्रस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से एफडीआई इक्विटी फ्लो में कमी आई है। अप्रैल-दिसंबर, 2023 के दौरान केमैन आइलैंड और साइप्रस से एफडीआई घटकर क्रमश: 21.5 करोड़ डॉलर और 79.6 करोड़ डॉलर रह गया। एक साल पहले समान अवधि में यह आंकड़ा क्रमश: 62.4 करोड़ डॉलर और 1.15 अरब डॉलर रहा था। हालांकि, मॉरीशस, नीदरलैंड, जापान और जर्मनी से एफडीआई बढ़ा है।
किन सेक्टर्स में बढ़ा, किनमें घटा
विभिन्न सेक्टर्स की बात की जाए, तो कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, ट्रेडिंग, सर्विसेज, टेलिकॉम, वाहन, फार्मा और केमिकल क्षेत्र में एफडीआई फ्लो में कमी आई है। इसके उलट कंस्ट्रक्शन (इंफ्रास्ट्रक्चर) गतिविधियों, डेवलपमेंट और बिजली क्षेत्रों को अधिक एफडीआई मिला है।
भारत के किस राज्य को सबसे ज्यादा FDI
राज्यवार आंकड़ों को देखें, तो महाराष्ट्र में चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान सबसे अधिक 12.1 अरब डॉलर का एफडीआई आया है। एक साल पहले समान अवधि में यह 10.76 अरब डॉलर था। वहीं कर्नाटक में एफडीआई घटकर 3.6 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 8.77 अरब डॉलर था।