केंद्रीय कैबिनेट फर्टिलाजर पर मिलने वाली पोषक तत्व आधारित सब्सिडी में 35 प्रतिशत कटौती को मंजूरी दे सकती है। इसके अलावा कैबिनेट मीट में आईटी हार्डवेयर के लिए 17000 रुपये की पीएलआई योजना को भी मंजूरी मिल सकती है। सीएनबीसी-आवाज़ ने सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के आधार पर बताया है कि कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। इस पर दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। इस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी जा सकती है। खरीफ सीजन के लिए 37000 करोड़ रुपए की फर्टिलाइजर सब्सिडी को मंजूरी दे दी गई है।
सूत्रों ने सीएनबीसी-आवाज़ को बताया है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) जैसे उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) में 35 फीसदी कटौती को मंजूरी दे दी है। 3 बजे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी जा सकती है।
नई सब्सिडी स्कीम अप्रैल और सितंबर के बीच की अवधि के लिए लागू होने की उम्मीद है। यह छह महीने की अवधि किसानों के लिए महत्वपूर्ण होगी क्योंकि वे इस समय किसान फसल की बुआई और उपज बढ़ाने के लिए उर्वरकों पर बहुत अधिक निर्भर होते हैं। किसानों की स्थिति और कृषि उत्पादकता पर सब्सिडी कटौती का प्रभाव चिंता का विषय बना हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट आईटी हार्डवेयर के लिए 17000 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को भी मंजूरी देने पर विचार कर रही है। इस पीएलआई योजना को पीएलआई स्कीम 2.0 के रूप में जाना जाता है। इसका लक्ष्य लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा-स्मॉल फॉर्म फैक्टर उपकरणों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है। इस योजना का कार्यकाल छह साल का है। इससे योजना के चलते 3.35 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त उत्पादन होने की उम्मीद है।
इसके अलावा, आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई स्कीम 2.0 से 2430 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश आने का अनुमान है। इससे आईटी हार्डवेयर में तकनीकी प्रगति को बढ़ावा मिलने और आईटी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ने का अनुमान है। इस योजना से 75000 नए रोजगार सृजित होने की संभावना है।