अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के दौरान केंद्र सरकार का फिस्कल डेफिसिट बढ़कर 11.03 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि अप्रैल से दिसंबर 2023 का यह आंकड़ा 9.82 लाख करोड़ रुपये था। कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंट्स की तरफ से जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के दौरान केंद्र सरकार का फिस्कल डेफिसिट बढ़कर 11.03 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि अप्रैल से दिसंबर 2023 का यह आंकड़ा 9.82 लाख करोड़ रुपये था। कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंट्स की तरफ से जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के पहले 10 महीनों में 11.03 लाख करोड़ का आंकड़ा फिस्कल डेफिसिट के संशोधित अनुमान (17.35 लाख करोड़) का 63.6 पर्सेंट है। इस सिलसिले में मूल बजट अनुमान 17.87 लाख करोड़ रुपये था। अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 के दौरान फिस्कर डेफिसिट वित्त वर्ष 2022-23 के लिए तय फिस्कल डेफिसिट के लक्ष्य का 67.8 पर्सेंट था।
अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के दौरान केंद्र सरकार का फिस्कल डेफिसिट बढ़कर 11.03 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि अप्रैल से दिसंबर 2023 का यह आंकड़ा 9.82 लाख करोड़ रुपये था। कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंट्स की तरफ से जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के पहले 10 महीनों में 11.03 लाख करोड़ का आंकड़ा फिस्कल डेफिसिट के संशोधित अनुमान (17.35 लाख करोड़) का 63.6 पर्सेंट है। इस सिलसिले में मूल बजट अनुमान 17.87 लाख करोड़ रुपये था। अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 के दौरान फिस्कल डेफिसिट वित्त वर्ष 2022-23 के लिए तय फिस्कल डेफिसिट के लक्ष्य का 67.8 पर्सेंट था।
जनवरी में केंद्र सरकार का फिस्कल डेफिसिट 1.2 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले तकरीबन 40 पर्सेंट कम है। टैक्स कलेक्शन में शानदार बढ़ोतरी और एक्सपेंडिचर में कमी से फिस्कल डेफिसिट के आंकड़ों में सालाना स्तर पर सुधार देखने को मिला। इस साल के पहले महीने के दौरान केंद्र सरकार का नेट टैक्स कलेक्शन सालाना 13 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 1.50 लाख करोड़ रुपये रहा। इस दौरान कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में 63 पर्सेंट का उछाल रहा, जबकि पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन में 17 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई।
इस बीच, नॉन-टैक्स रेवेन्यू में भी अनुमान से ज्यादा की बढ़ोतरी रही और जनवरी में यह सालाना आधार पर 55 पर्सेंट बढ़कर 25,711 करोड़ रुपये हो गया। अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के दौरान भारत सरकार का नॉन-टैक्स रेवेन्यू पूरे वित्त वर्ष के लिए संशोधित लक्ष्य (3.76 लाख करोड़ रुपये) से महज 38,000 करोड़ रुपये कम है।
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