Thyroid Diseases: सर्दी का मौसम शुरू होते ही लोगों को संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। सर्दियों में अधिकतर लोगों को सर्दी-जुकाम, बुखार, गला दर्द और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मौसम में हुए बदलाव की वजह से इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ठीक ऐसे ही थायराइड की समस्या से पीड़ित लोगों को सर्दियों में खासतौर से ध्यान देने की जरूरत रहती है। थायराइड व्यक्ति के गले में मौजूद एक ग्लैंड होता है। यह थायराइड नामक हार्मोन को नियंत्रित और रिलीज करता है। लेकिन जब यह प्रभावित होता है तो ओवर एक्टिव और अंडर एक्टिव हो जाता है। जिसे थायराइड की समस्या कहते हैं। यह एक साइलेंट किलर बीमारी है। इसकी वजह ये है कि इसके लक्षण फौरन सामने नहीं आते हैं।
शरीर में खाना कितनी जल्दी पचेगा उससे शरीर को कितनी ऊर्जा मिलेगी ये काम थायराइड ग्रंथि का ही होता है। ऐसे में थायराइड लेवल बिगड़ने पर पेट से लेकर दिमाग तक असर दिखने लगता हैष लिहाजा जब चिड़चिड़ापन हो, थकान रहे, वक्त से पहले बाल सफेद हों वज़न तेज़ी से घटे या बढ़े तो तुरंत थायराइड टेस्ट कराना बेहद जरूरी होता है।
जब थायराइड ग्लैंड थायरोक्सिन हार्मोन कम बनाता है तो मेटाबॉलिज़्म स्लो हो जाता है। इससे वजन तेजी से बढ़ने लगता है। वहीं जब थायरोक्सिन ज्यादा बनता है तो मेटाबॉलिज्म प्रोसेस तेज होता है। इससे वजन घटने लगता है। थायराइड ग्रंथि टी3 और टी4 थायरॉक्सिन हार्मोंन का निर्माण करती है जो कि सांस, ह्रदय गति, पाचन तंत्र और शरीर के तापमान पर सीधा असर करती है। साथ ही ये हड्डियों, मांसपेशियों व कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करते हैं। इससे पीड़ित होने पर थकान, घबराहट, चिड़चिड़ापन, हाथों में कंपन, नींद की कमी, बालों का झड़ना, मसल्स पेन जैस लक्षण नजर आते हैं।
किसे होती है थायराइड की समस्या?
थायराइड की समस्या किसी को भी हो सकती है। पुरुष, महिलाएं बच्चे और बुजुर्ग सभी इसकी चपेट में आ सकते हैं। हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) के जन्म से ही शिकार हो सकते हैं। आमतौर पर यह समस्या उन महिलाओं में देखी जाती है जो महिलाएं मोनोपाज (menopause) के दौर से गुजर चुकी होती हैं। थायराइड एक सामान्य परेशानी है। इससे भारत में करीब 4.2 करोड़ लोग पीड़ित हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इस बीमारी की ज्यादा चपेट में आती है।
यह एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षणों को नजरअंदाज करने पर ये जानलेवा साबित हो सकती है। थायराइड के लक्षण दिखने पर फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यह बीमारी शरीर पर घातक असर करती है। यह बीमारी गर्दन के निचले हिस्से में स्थित इंडोक्राइन ग्रंथि में होती है। इस बीमारी से बचने के लिए आपको फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए।