डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है। इसे सिर्फ सही खान-पान और नियमित दिनचर्या के जरिए कंट्रोल कर सकते हैं। पहले ये उम्र दराज लोगों को अपना शिकार बनाती थी। लेकिन गलत दिनचर्या और खान पान के कारण ये बीमारी अब युवाओं और बच्चों में भी अपनी चपेट में ले रही है। डायबिटीज में कोशिकाएं शरीर में बनने वाली शुगर को अवशोषित नहीं कर पाती। जिससे शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है और लोग ब्लड शुगर के शिकार हो जाते हैं। लंबे समय तक शुगर का बढ़ना कई समस्याएं पैदा कर सकता है।
बता दें कि अगर ब्लड शुगर हमेशा हाई बना रहता है तो ज्यादा प्यास लगना, मुंह का सूखना, बार-बार पेशाब आना, थकान, कमजोरी, धुंधला दिखना, त्वचा में सूखापन और खुजली होना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इतना ही नहीं, बढ़ा हुआ ब्लड शुगर किडनी और आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। APM आयुर्वेद कॉलेज मुंबई के एसोसिएट प्रोफेसर, MD डॉ. हेमंत पराडकर (Dr Hemant Paradkar) कुछ ऐसे टिप्स दे रहे हैं। जिससे आप दिन भर आप अपना ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकते हैं।
डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान पर खास तौर से ध्यान देने की जरूरत है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले भोज्य पदार्थ लेना चाहिए। डॉ. हेमंत पराडकर का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को फाइबर युक्त भोजन करना चाहिए। फलों में संतरा, पपीता जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं। हालांकि आम, केला का सेवन नहीं करना चाहिए। साबुत अनाज, फल, सब्जियां और हेल्दी फैट वाली चीजें शामिल होनी चाहिए। ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने के लिए आपको मीठे खाद्य और पेय पदार्थों से बिल्कुल दूर रहना चाहिए। एल्कोहल , तंबाकू से हमेशा दूर रहना चाहिए।
डॉ. हेमंत पराडकर ने बताया कि डायबिटीज में फिजिकल एक्टिविटीज पर खास तौर से ध्यान देने की जरूरत है। रोजाना एक्सरसाइज जरूर करें। इससे इंसुलिन रेसिस्टेंट में सुधार होता है। रोजाना कम से कम 1 घंटे एक्सरसाइज करना चाहिए।
प्यास लगाने पर भरपूर पानी पिएं
डॉ. पराड़कर का कहना है कि डायबटीज के मरीजों को ब्लड शुगर को काबू रखने के लिए जब भी प्यास लगे तो फौरन पीनी पिएं। हाइड्रेटेड रहने से आपको शुगर को काबू रखने में मदद मिल सकती है। पानी के अलावा नारियल पानी और छाछ जैसे पेय पदार्थ भी बढ़िया ऑप्शन हैं।
डिस्क्लेमर – घरेलू उपचार डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन यह तय दवाइयां या बैलेंस लाइफ स्टाइल का विकल्प नहीं है। नए उपचार शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।