Diabetes: दुनिया भर में डायबिटीज की बीमारी तेजी से फैल रही है। भारत में लाखों लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। दिनों दिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। सर्दी के मौसम में ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर दोनों बढ़ने लगते हैं। दरअसल, सर्दी का मौसम शरीर में मेटाबोलिज्म को बहुत स्लो कर देता है। मेटाबोलिज्म स्लो होने का मतलब है कि भोजन से एनर्जी बनने की प्रक्रिया बहुत धीमी हो जाती है। इस कारण शरीर में कार्बोहाइड्रैट या शुगर का अवशोषण भी धीमा हो जाता है। इससे शुगर खून में जमा होने लगती है। जिससे ब्लड शुगर बढ़ जाता है।
डायबिटीज के मरीजों को अपनी लाइफ स्टाइल और खानपान पर खास तौर से ध्यान देने की जरूरत रहती है। सर्दी के मौसम में आमतौर पर सुस्ती छाई रहती है। सर्दी के मौसम में भोजन की मात्रा अधिक हो जाती है। अधिक ठंड पड़ने के कारण फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है। यह सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
इन गलतियों से बढ़ता है ब्लड शुगर
सर्दी मौसम में आलस्य छाया रहता है। बहुत से लोग पूरा दिन पूरा कंबल में ही आराम करना चाहते हैं। जिससे शरीर की एक्टिविटी बेहद कम हो जाती है। शारीरिक रूप से एक्टिव न होने के कारण ब्लड सर्कुलेशन का रेट कम हो सकता है। जिससे ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो सकती है। ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
बहुत से लोगों में प्रोसेस्ड फूड की मात्रा बढ़ जाती है। जैसे मांस, डिब्बाबंद भोजन आदि। इससे ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है। ऐसे भोजन से डायबिटीज का खतरा थोड़ा ज्यादा बढ़ सकता है।
डायबिटीज के मरीजों को समय पर भोजन करना बेहद जरूरी होता है। देर रात भोजन करने से डायबिटीज का खतरा ज्याद रहता है। देर रात भोजन करने से पर्याप्त इंसुलिन नहीं बन पाता है।
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत से लोग तनाव का सामना कर रहे होते हैं। शारीरिक और मानसिक रूप से लोग तनाव का सामना कर रहे हैं। अगर तनाव बढ़ता है तो ब्लड शुगर के लेवल पर असर पड़ सकता है।
स्मोकिंग से बढ़ता है डायबिटीज
स्मोकिंग करने से ब्लड शुगर कंट्रोल करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसकी वजह से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ता है। जब निकोटीन शरीर में मौजूद सेल्स की प्रतिक्रिया कम करता है तो डायबिटीज बढ़ जाता है। इसमें पाया जाने वाले केमिकल्स सेल्स में सूजन बढ़ा सकते हैं। इससे इंसुलिन कामकाज पर असर पड़ सकता है।