Diabetes: गेहूं की जगह खाएं जौ और रागी की रोटी, ब्लड शुगर रहेगा कंट्रोल, डॉक्टर से जानिए फायदे

Diabetes: देश में डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसमें डॉक्टरों की ओर से मरीजों को गेहूं की रोटी नहीं खाने की सलाह दी जाती है। इसकी जगह मोटे अनाज (मिलेट्स) का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसमें जौ, ज्वार, रागी की रोटियों का सेवन कर सकते हैं

अपडेटेड Jan 16, 2024 पर 1:04 PM
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Diabetes: रागी बाजरा परिवार का सदस्य है। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

Diabetes: इन दिनों बदलती लाइफस्टाइल और अनहेल्दी फूड्स के कारण डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में इसे दुनिया का 'डायबिटीज कैपिटल' भी कहा जाने लगा है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव कर ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। शुगर के मरीजों को अपनी डाइट का विशेष ख्याल रखना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को लो कार्ब और हाई प्रोटीन डाइट की सलाह दी जाती है। हाई प्रोटीन डाइट में डायबिटीज के मरीजों को मरीजों गेहूं के आटे की जगह ज्वार, जौ रागी की रोटियां जरूर खानी चाहिए। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं, तो इन रोटियों को जरूर खाएं।

दरअसल, डायबिटीज भी दो तरह की होती हैं। टाइप 1 डायबिटीज में इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं नष्ट होने लगती है। वहीं टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं हो पाता है।

जौ की रोटियों से ब्लड शुगर रहता है डाउन


R. V. आयुर्वेद अस्पताल मुंबई के डॉक्टर अव्हाड गोरक्षनाथ (Dr. Avhad Gorakshnath) का कहना है कि जौ की गिनती मोटे अनाजों (मिलेट्स) में की जाती है। इसे दुनिया भर में चौथी सबसे महत्वपूर्ण अनाज की फसल माना जाता है। इसमें फाइबर, विटामिन A, विटामिन K, पॉलीफेनोल्स, फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सिडेंट का बढ़िया स्रोत है। ये सभी सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। जौ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। जिससे ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है। जौ का आटा भी डायबिटीज के मरीजों के लिए एक स्वस्थ और पौष्टिक विकल्प है। जौ के आटा में कम कार्बोहाइड्रेट होता है और यह पाचन में भी आसान है। जौ ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।

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रागी की रोटी

रागी बाजरा परिवार का सदस्य है। अन्य सदस्यों के मुकाबले रागी (Finger Millet) में सबसे ज्यादा कैल्शियम (344 मिलीग्राम%) और पोटैशियम (408 मिलीग्राम%) पाया जाता है। इनके अलावा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, डायटरी फाइबर भी पाए जाते हैं। इसमें विटामिन B के घटक थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, फोलिक एसिड, आयरन और फास्फोरस भी पाए जाते हैं। रागी के आटे में कोई भी और ग्लूटन फ्री आटा या गेंहू के आटे को अच्छी तरह से मिलाकर रोटी बनाकर सेवन कर सकते हैं। ये गेंहू की रेगुलर रोटी को रिप्लेस करने का एक हेल्दी ऑप्शन है।

कुट्टू के आटे की रोटी

शुगर के मरीज अपनी डाइट में गेहूं की जगह कुट्टू के आटे की रोटी शामिल कर सकते हैं। यह ब्लड शुगर के लेवल को मैनेज करता है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में भी मदद करता है। इसमें प्रोटीन, मैग्नीशियम, फाइबर और आयरन जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं।

Jitendra Singh

Jitendra Singh

First Published: Jan 16, 2024 12:59 PM

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